बिजेंद्र सिंह/निस
पानीपत, 18 फरवरी
12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में कोर्ट ने 2 हैवानों को फांसी की सजा सुनाई है। मतलौडा थाना में दर्ज केस के अनुसार बच्ची अपने मामा के पास बचपन से रहती थी। 13 जनवरी 2018 को वह कूड़ा डालने के लिए घर से निकली और वापस नहीं लौटी। परिजनों ने उसे काफी ढूंढा लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। पुलिस ने पुलिस चौकी में इस मामले की शिकायत दी। बच्ची का शव अगले दिन नग्न अवस्था में गांव के तालाब के पास पड़ा मिला। पुलिस जांच में पता चला कि कूड़ा डालने जाते समय पड़ोसी प्रदीप व सागर ने बच्ची का अपहरण कर लिया और चिल्लाने पर उसकी गला दबा कर हत्या कर दी। आरोपियों ने बच्ची के शव के साथ दुष्कर्म किया और उसके कपड़े जला दिए। शव को नग्न अवस्था में तालाब के किनारे फेंक दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची की गला दबाकर हत्या करने व दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई थी। मतलौडा थाना पुलिस ने हत्या और दुष्कर्म के मामले में उरलाना गांव के प्रदीप और सागर को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि उन्होंने योजना बनाकर बच्ची का अपहरण किया था। जज ने दोषियों को आईपीसी की धारा 302, 376 ए व 6 पॉक्सो में फांसी की सजा, 20-20 हजार का जुर्माना व जुर्माना न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई। आईपीसी की धारा 363 व 201 में 7-7 साल की सजा, 5-5 हजार का जुर्माना और जुर्माना न भरने पर 1-1 माह की अतिरिक्त सजा सुनाई है।
समाज के लिए खतरा हैं ऐसे लोग : कोर्ट
एडिशनल सेशन जज सुमित गर्ग ने आज फैसला सुनाते हुए सागर और प्रदीप को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। एडीजे सुमित गर्ग की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों दोषियों को लेकर कहा कि ऐसे लोगों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है, ये लोग समाज के लिए खतरा है।