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हैदराबाद बम धमाके में पांच दोषियों की फांसी बरकरार

हाईकोर्ट ने खारिज की अपील
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हैदराबाद, 8 अप्रैल (एजेंसी)

तेलंगाना हाईकोर्ट ने 2013 के दिलसुखनगर बम विस्फोट मामले में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के पांच आतंकियों को दी गई मृत्युदंड की सजा को बरकरार रखा है। अदालत ने कहा कि यह केस दुर्लभतम मामलों में से एक है और इसमें दी गई सजा उचित है।

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जस्टिस के. लक्ष्मण और जस्टिस पी. श्री सुधा की खंडपीठ ने एनआईए अदालत के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें यासीन भटकल, पाकिस्तानी नागरिक वकास, हड्डी, मोनू और एजाज शेख को दोषी ठहराते हुए 13 दिसंबर 2016 को फांसी की सजा सुनाई गयी थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुख्य आरोपी रियाज भटकल पाकिस्तान में छिपा हुआ है। दोषियों की ओर से हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर की गयी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उनके वकीलों ने कहा है कि फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।

18 लोगों की गयी थी जान : 21 फरवरी 2013 को हुए दोहरे बम धमाकों में 18 लोगों की जान गयी थी और 131 घायल हो गए थे। पहला विस्फोट बस स्टॉप पर और दूसरा ढाबे (ए1 मिर्ची सेंटर) के पास हुआ था। मामले की शुरुआती जांच हैदराबाद पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने की थी, जिसे बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने हाथ में लिया।

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