विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों की तरह सोमवार को भी लोकसभा में हंगामा किया। इससे सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के के कारण सदन की कार्यवाही पहले सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी और फिर दो बजकर 15 मिनट पर मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर से आरंभ होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही।पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की और खेल से संबंधित दो विधेयकों को पारित करने की जरूरत पर जोर दिया। विधायी कार्यों की सूची में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 सूचीबद्ध थे। पाल ने कहा कि आज दो बहुत महत्वपूर्ण विधेयक हैं। सरकार 2036 के ओलंपिक की मेजबानी के लिए बोली लगाने जा रही है। देश के खेल और खिलाड़ियों के लिए इससे कुछ महत्वपूर्ण विधेयक नहीं हो सकते।' हंगामा नहीं थमने पर पाल ने सदन की कार्यवाही दो बजकर 15 मिनट पर मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।एसआईआर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए : प्रियंकाकांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि बिहार में एसआईआर का मुद्दा बहुत बड़ा है और इस पर सरकार को संसद में चर्चा करानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब मतदाता सूचियों में यह सब किया जा रहा है तो विपक्ष इस विषय को क्यों नहीं उठाए?हंगामे के बावजूद विधेयक पारित करने को मजबूर होगी सरकार : रिजिजूसंसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद में विपक्षी दलों का प्रदर्शन जारी रहने के बावजूद सरकार अपने विधेयकों को पारित कराने पर मजबूर होगी। विपक्ष द्वारा बिहार में एसआईआर पर लगातार हंगामे के कारण दोनों सदनों में सामान्य कामकाज की संभावनाएं धूमिल हो रही हैं। रिजिजू ने कहा कि सरकार अपने विधेयकों पर संसद में गहन चर्चा चाहती है, लेकिन राष्ट्रीय हित में मंगलवार से इन्हें पारित कराने के लिए दबाव बनाने पर मजबूर होगी, क्योंकि प्रस्तावित विधेयक शासन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक पर दो दिन की चर्चा के लिए सहमत हुए थे और दोनों विधेयकों पर सोमवार को लोकसभा में एक साथ चर्चा और इन्हें पारित कराने का कार्यक्रम था, लेकिन उन्होंने कार्यवाही बाधित कर दी।राजनीतिक दलों ने नहीं किया कोई दावा : निर्वाचन आयोगनयी दिल्ली (एजेंसी) : निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि एक अगस्त को बिहार की मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने दस्तावेज से किसी व्यक्ति का नाम शामिल करने या हटाने के लिए उससे संपर्क नहीं किया है। मसौदा सूची को लेकर एक सितंबर तक आपत्तियां और दावे दर्ज कराए जा सकते हैं।