संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बरकरार, SIR व अन्य मुद्दों पर विपक्ष ने की नारेबाजी
Parliament Monsoon Session: विपक्षी दलों के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित अन्य मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों में नारेबाजी की, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही पहले दोपहर दो बजे तक और फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई है।
बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में विपक्ष ने हंगामा किया जिसके कारण सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस और उसके सहयोगी दल मानसून सत्र की शुरुआत से ही एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा कर रहे हैं, जिससे सदन में गतिरोध बना हुआ है। सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और आसन के निकट पहुंचकर ‘एसआईआर वापस लो' के नारे लगाने लगे।
सदन में हंगामे के बीच ही आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्नकाल में महत्वपूर्ण मंत्रालयों और विभागों पर चर्चा है। विशेष रूप से हमारे जनजातीय क्षेत्र के बहुत सदस्य आज प्रश्न पूछना चाहते हैं।'' लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मेरा प्रयास होता है कि सदन चले और चर्चा हो... आप नियोजित तरीके से सदन को बाधित करते हैं। आप तख्तियां लेकर आते हैं। देश आपको देख रहा है।''
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 12 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही 12 बजे पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। शोर-शराबे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मणिपुर माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया।
उन्होंने मणिपुर माल एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2025 (2025 का संख्यांक 1) को तत्काल लागू करने के कारणों को दर्शाने वाला एक विवरण भी सदन में प्रस्तुत किया। पीठासीन सभापति संध्या राय ने आसन के समीप पहुंचकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी दलों के सांसदों से अपने स्थान पर कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘आप सभी वरिष्ठ सदस्य हैं। नए सांसद आपसे सीखना चाहते हैं। आपका व्यवहार ठीक नहीं है।'' हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 12 बजकर 10 मिनट पर कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
राज्यसभा में हंगामे की भेंट चढ़े शून्यकाल और प्रश्नकाल, बैठक दो बजे तक स्थगित
विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस आसन द्वारा खारिज किए जाने के विरोध में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर नियत कामकाज स्थगित कर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं। उपसभापति ने बताया कि ये नोटिस पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुरूप नहीं पाए गए अत: इन्हें खारिज कर दिया गया है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हरिवंश ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की तथा 2021 में आसन द्वारा दी गई व्यवस्था का अंश भी सुनाया।
उन्होंने कहा कि वह नियमों के अनुसार चल रहे हैं। इस बीच हंगामा करते हुए कुछ सदस्यों ने अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी शुरू कर दी। हरिवंश ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘जिन सदस्यों ने शून्यकाल में अपनी बातें रखने के लिए स्वीकृति ली है, मैं उनका नाम पुकार रहा हूं। शून्यकाल सदस्यों के लिए अहम है।''
हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि आज तक सदन में सदस्यों के पास 180 तारांकित प्रश्न पूछने, शून्यकाल के तहत 180 मुद्दे उठाने और विशेष उल्लेख के जरिये लोक महत्व के इतने ही मुद्दे उठाने का अवसर था लेकिन लगातार व्यवधान के कारण अब तक केवल 13 तारांकित प्रश्न, शून्यकाल के तहत पांच मुद्दे और केवल 17 विशेष उल्लेख ही हो पाए हैं।
हरिवंश ने कहा, ‘‘वर्तमान सत्र में अब तक हम 51 घंटे 30 मिनट बर्बाद कर चुके हैं।'' उपसभापति ने पुन: सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने 11 बजकर दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ है और तब से आज तक विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से उच्च सदन में एक बार भी शून्यकाल तथा प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।