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जेएंडके में ‘दरबार मूव’ परंपरा 4 साल के बाद फिर शुरू

जम्मू-कश्मीर में चार साल के अंतराल के बाद ऐतिहासिक ‘दरबार स्थानांतरण' परंपरा फिर से शुरू हो गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस दौरान अपने काफिले को छोड़कर सरकारी आवास से रघुनाथ मार्केट तक पैदल चलकर सिविल सचिवालय पहुंचे।...
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जम्मू-कश्मीर में चार साल के अंतराल के बाद ऐतिहासिक ‘दरबार स्थानांतरण' परंपरा फिर से शुरू हो गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस दौरान अपने काफिले को छोड़कर सरकारी आवास से रघुनाथ मार्केट तक पैदल चलकर सिविल सचिवालय पहुंचे। उन्होंने एक किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पैदल तय की। उन्होंने कहा कि यह फैसला खासकर जम्मू के लिए कितना महत्वपूर्ण था, यह आपको आज सुबह लोगों की भीड़ देखकर पता चल गया होगा। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और मंत्री जावेद राणा के साथ मौजूद अब्दुल्ला का रेजिडेंसी रोड पर भीड़ ने गर्मजोशी से स्वागत किया। व्यापारियों और नागरिकों ने मिठाइयां बांटीं और उनकी सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई। ‘दरबार स्थानांतरण' में जम्मू और कश्मीर के सरकारी कार्यालयों को श्रीनगर से जम्मू में स्थानांतरित किया जाता है। यह प्रथा लगभग 150 साल पहले डोगरा शासकों द्वारा शुरू की गई थी। श्रीनगर में सिविल सचिवालय और अन्य कार्यालय 30 और 31 अक्तूबर को बंद हो गए तथा शीतकालीन राजधानी जम्मू में सोमवार से अगले छह महीने के लिए काम करना शुरू कर दिया। दरबार स्थानांतरण को जून 2021 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रोक दिया था। उन्होंने इसका कारण प्रशासन का पूरी तरह से ई-ऑफिस में बदलाव होना बताया, जिससे उन्होंने कहा कि सालाना करीब 200 करोड़ रुपये की बचत होगी।

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