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दलित आक्रोश अब खट्टर तारणहार, सोनीपत रैली स्थगित

आईपीएस पूरन आत्महत्या मामला सातवें दिन भी पोस्टमार्टम नहीं, आज परिवार से मिल सकते हैं सोनिया-राहुल

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वाई. पूरन कुमार के परिवार को सांत्वना देने सोमवार को चंडीगढ़ पहुंचे केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले। - रवि कुमार
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हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने पूरे राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। दलित आक्रोश बढ़ रहा है। सोमवार को सातवें दिन भी परिवार शव का पोस्टमार्टम करवाने को तैयार नहीं हुआ। सरकार और प्रशासन के तमाम प्रयास नाकाम साबित होते दिखे। लगातार बढ़ रहे गतिरोध के बीच 17 अक्तूबर को हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार की वर्षगांठ पर सोनीपत में होने वाली पीएम नरेंद्र मोदी की रैली फिलहाल स्थगित कर दी गई है। माना जा रहा है कि आईपीएस पूरन आत्महत्या मामले के चलते ही यह निर्णय हुआ है। सीएम नायब सिंह सैनी सोमवार को सोनीपत में थे। वहां से उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वह भी कैंसिल हो गया। वहीं दूसरी ओर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार शाम वाई पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात करने चंडीगढ़ आ सकते हैं। राहुल के साथ सोनिया गांधी के भी आने की संभावना है।

इधर, केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दक्षिण अफ्रीका से लौटते ही मोर्चा संभाल लिया और मुख्यमंत्री नायब सैनी से बातचीत की। मुख्यमंत्री नायब ने राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष से भी मुलाकात कर स्थिति पर चर्चा की।

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इस मामले को लेकर चंडीगढ़ राजनीतिक नेताओं का केंद्र बन गया है। सोमवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू और कृष्णपाल गुर्जर सहित कई वरिष्ठ नेता वाई पूरन कुमार की पत्नी एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार के आवास पर पहुंचे। इन सभी ने परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी और निष्पक्ष जांच की बात कही। रामदास अठावले ने मुख्यमंत्री नायब से भी मुलाकात की।

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परिवार अड़ा - ‘पहले कार्रवाई, फिर पोस्टमार्टम’ : आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार अब भी इस बात पर अड़ी हैं कि जब तक आरोपियों को निलंबित कर गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक पोस्टमार्टम नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार, उनके भाई और आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन कोटफत्ता भी इस रुख पर उनके साथ हैं और बातचीत की बागडोर उन्होंने ही संभाली हुई है। वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन ने बयान जारी किया है कि हम हर मांग को पूरा करने के लिए तैयार हैं, जांच तभी आगे बढ़ेगी जब पोस्टमार्टम होगा।

जातीय समीकरणों में उलझी सरकार : वाई पूरन कुमार की मौत के बाद प्रदेश में जातीय तनाव का माहौल बन गया है। अनुसूचित जाति ने इसे सामाजिक न्याय और भेदभाव का मामला बताते हुए लामबंदी शुरू कर दी है। दूसरी ओर, पंजाबी और जाट समुदायों के संगठन भी सरकार के खिलाफ पंचायतें करने लगे हैं। विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं कि यह आत्महत्या नहीं, संस्थागत प्रताड़ना का परिणाम है। राज्य सरकार ने प्रारंभिक चरण में कैबिनेट मंत्रियों कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी को परिवार से संवाद का जिम्मा सौंपा था। अब मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरएस वुंडरू भी लगातार अमनीत पी. कुमार से संपर्क बनाए हुए हैं।

दलितों के प्रति मानसिकता नहीं बदली : अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी दलितों के प्रति मानसिकता में बदलाव नहीं आया है। जो भी अधिकारी दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि केंद्र सरकार इस पूरे प्रकरण की निगरानी कर रही है और एसआईटी को हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

केंद्र की एंट्री राज्य सरकार के डैमेज कंट्रोल में नाकाम रहने के बाद केंद्र ने सीनियर मंत्रियों को सक्रिय किया है। मनोहर लाल के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और रवनीत बिट्टू ने स्थिति की समीक्षा की है। गुर्जर ने कहा कि एसआईटी जांच में कोई समझौता नहीं होगा। दोषी चाहे कितना भी बड़ा हो, सजा तय है। वहीं रवनीत बिट्टू ने उम्मीद जताई कि परिवार के साथ बातचीत से जल्द समाधान निकलेगा।

कांग्रेस, आप और इनेलो के प्रतिनिधिमंडल सक्रिय

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा, वरुण मुलाना, सतपाल ब्रह्मचारी, चंद्रप्रकाश सहित प्रतिनिधिमंडल ने अमनीत से मुलाकात कर न्याय में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला और पूर्व डीजीपी एमएस मलिक के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल ने भी सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार के चार मंत्रियों- हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह, मोहिंदर भगत और डॉ. रवजोत ने सोमवार को अमनीत से मुलाकात की। पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी संवेदना जताने पहुंचे।

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