Dairy Revolution केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को रोहतक के साबर मिल्क प्लांट में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सहकारिता आंदोलन किसानों और ग्रामीण भारत के लिए नई क्रांति लेकर आया है। उन्होंने घोषणा की कि वर्ष 2029 से पहले देश की हर पंचायत में सहकारी समिति का गठन कर दिया जाएगा। शाह ने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक व्यवस्था नहीं, बल्कि सामाजिक जुड़ाव और आत्मनिर्भरता का सबसे मजबूत माध्यम है।
अपने संबोधन में शाह ने बताया कि सरकार ने पूरे देश में 75 हजार नई डेयरी समितियों की स्थापना का लक्ष्य रखा है, जबकि पहले से कार्यरत 46 हजार समितियों को और सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और बिचौलियों पर निर्भरता खत्म होगी।
अमित शाह ने हरियाणा की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इसमें हरियाणा का योगदान बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि यह वही भूमि है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का संदेश दिया था। आज भी यही धरती देश को कृषि, सुरक्षा और खेलों के क्षेत्र में नई पहचान दिला रही है।’ उन्होंने हरियाणा के जवानों की वीरता और खिलाड़ियों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि यह राज्य देश की ताकत और गौरव का प्रतीक है।
शाह ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में डेयरी सेक्टर में हुए बदलावों से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। सहकारी समितियों की वजह से अब किसान सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ पा रहे हैं और उनका मुनाफा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन में यह मॉडल आने वाले समय में ग्रामीण विकास का आधार बनेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने सहकारिता आंदोलन को ‘जनभागीदारी का सबसे सफल मॉडल’ बताया। उन्होंने कहा कि जब किसान, मजदूर और महिलाएं मिलकर समितियां चलाते हैं, तो उसका असर समाज की समृद्धि पर साफ दिखाई देता है। शाह ने कहा कि सहकारिता गांव-गांव को आत्मनिर्भर बनाएगी और किसान को मजबूती प्रदान करेगी। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा भी मौजूद रहे।