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Cyclone Storm Montha : तट से टकराया चक्रवात ‘मोंथा', बारिश और तेज आंधी; अधिकारी हाई अलर्ट पर

मंगलवार सुबह तक इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका

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Cyclone Montha : आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक प्रखर जैन ने सोमवार को बताया कि चक्रवात ‘मोंथा' के तट से टकराने की शुरुआत हो गई है। इसे एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। तटीय जिलों में बारिश और तेज आंधी चल रही है। जैन ने एक विज्ञप्ति में बताया, “चक्रवात टकराना शुरू हो गया है। तटीय जिलों में आंधी के साथ बारिश हो रही है।

जैसे-जैसे यह तूफान जमीन के पास पहुंचेगा और तेज होता जाएगा। पिछले छह घंटों में चक्रवात 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा और शाम तक यह विशाखापत्तनम से लगभग 560 किलोमीटर दूर था। मंगलवार सुबह तक इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। चक्रवाती तूफान 28 अक्टूबर की शाम या रात में एक भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में काकीनाडा के पास आंध्र प्रदेश के तट को पार कर सकता है। जैन ने तटीय जिलों के निवासियों से सतर्क रहने और सुरक्षा परामर्श का पालन करने का आग्रह किया।

एनटीआर जिलाधिकारी जी. लक्ष्मीशा ने बताया कि सभी विभाग हाई अलर्ट पर हैं। कई टीमें तैनात की गई हैं और समन्वय से काम कर रही हैं। हमने 180 पुनर्वास केंद्र तैयार रखे हैं, साथ ही मौसम की निरंतर निगरानी के लिए 24 ड्रोन भी तैनात किए हैं। विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त एसवी राजशेखर बाबू ने बताया कि पुलिस विभाग चक्रवात के लिए पूरी तरह तैयार है और प्रत्येक वार्ड सचिवालय में अधिकारी तैनात हैं। एक नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर रख रहा है और वास्तविक समय के आकलन के लिए 42 ड्रोन तैनात किए गए हैं।

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एहतियात के तौर पर 360 घरों के निवासियों को निकाला जा रहा है। चक्रवात ‘मोंथा' के कारण कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश और तेज हवाएं चलीं, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। चित्तूर जिले के नागरी निर्वाचन क्षेत्र में चक्रवात के प्रभाव के कारण चार दिनों से लगातार मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है। कुशस्थली नदी में बाढ़ आ जाने से सड़क संपर्क टूट गया है, जिससे अधिकारियों को नागरी शहर और थिरुट्टानी व पल्लीपट्टू जैसे ग्रामीण इलाकों के बीच यातायात रोकना पड़ा है।

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वाहनों की आवाजाही बाईपास मार्गों से मोड़ी जा रही है। खतरनाक धाराओं और उफनती नदियों के कारण लोगों को नदी के किनारों पर जाने से रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सिंचाई, राजस्व और नगरपालिका अधिकारियों ने कृष्णापुरम जलाशय से 1,000 क्यूसेक पानी छोड़ने सहित एहतियाती कदम उठाए हैं। काकीनाडा में तेज हवाओं व भारी बारिश के कारण उप्पदा तट पर समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। तट पर रहने वाले मछुआरों ने आशंका जताई है कि लहरें तट की ओर बढ़ रही हैं।

तटीय कटाव की स्थिति बढ़ रही है। समुद्र में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण पुलिस ने उप्पदा, सुब्बमपेट, मायापट्टनम और सुरदापेट गांवों से निवासियों को उनके घरों से निकाल लिया है। तिरुपति के जिलाधिकारी एस. वेंकटेश्वर ने बताया कि जिले में 75 किलोमीटर लंबी तटरेखा है और पांच तटीय मंडलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।

लोगों को आपात स्थिति को छोड़कर घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है। निवासियों को मवेशियों को चराने व पेड़ों, बिजली के खंभों या होर्डिंग्स के नीचे न खड़े होने की सलाह दी गई है। तिरुमाला जाने वाले तीर्थयात्रियों से यात्रा योजनाओं को अस्थायी रूप से स्थगित करने का आग्रह किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, जैसे-जैसे चक्रवात आंध्र प्रदेश तट के करीब पहुंचेगा और काकीनाडा के पास दस्तक देगा बारिश व हवा की तीव्रता में वृद्धि होने की आशंका है।

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