हरियाणा में साइबर ठगी का जाल ध्वस्त, सोशल मीडिया और OLX से कर रहे थे देशभर में फरेब
Cyber fraud: नूंह साइबर थाना पुलिस ने दो सगे भाइयों समेत चार साइबर ठग गिरफ्तार किए
Cyber fraud: नूंह में साइबर थाना पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिले की साइबर क्राइम टीम ने कार्रवाई करते हुए चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो सगे भाई भी शामिल हैं। ये आरोपी देशभर के भोले-भाले लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे थे।
आरोपियों में कोई OLX पर पुरानी गाड़ियां बेचने के नाम पर झांसा देता था, तो कोई सोशल मीडिया पर सुंदर लड़कियों के फर्जी अकाउंट बनाकर अश्लील वीडियो भेजकर वसूली करता था। पुलिस ने चारों के खिलाफ अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर उनके पास से मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड और अन्य डिजिटल सबूत जब्त किए हैं।
साइबर थाना टीम ने आसिफ निवासी बसेड़ी बॉस थाना पुन्हाना को गिरफ्तार किया। जांच के दौरान पता चला कि आसिफ दो मोबाइल नंबरों से देशभर में ऑनलाइन ठगी कर रहा था। आरोपी ने जौनपुर (उत्तर प्रदेश) निवासी विशाल से 5,770 और नागपुर (महाराष्ट्र) निवासी कैलाश से 19,000 की ठगी की थी।
पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर उसे गधा मोड़, जैतलका के पास से पकड़ा। तलाशी में मिले मोबाइल और सिम कार्ड से ठगी के कई सबूत मिले। आसिफ ने कबूला कि वह पुराने वाहनों की बिक्री के नाम पर लोगों को फंसाता था।
दूसरा मामला (दो सगे भाई गिरफ्तार)
साइबर थाना टीम ने वारीस और जहीर पुत्र हाकम निवासी लफुरी थाना बिछौर को गिरफ्तार किया। ये दोनों भाई सोशल मीडिया पर सुंदर लड़कियों के फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों से दोस्ती करते, फिर अश्लील वीडियो भेजकर ब्लैकमेलिंग करते थे।
आरोपी खुद को सोशल वर्कर बताकर सरकारी योजनाओं में लाखों रुपये देने का झांसा भी देते थे। तलाशी के दौरान दोनों के पास से कई मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड, बारकोड, ड्रीम-11 की फर्जी पोस्टें, लड़कियों की फोटोज और अश्लील वीडियो बरामद हुए।
वारीस के फोन पर दो व्हाट्सएप अकाउंट “सलमान सोशल वर्कर” और “मुकेश आरबीआई” के नाम से एक्टिव थे, जबकि जहीर के फोन में भी दो नंबरों से ठगी के चैट मिले। जांच में सामने आया कि इनके खिलाफ पहले से भी दो शिकायतें दर्ज थीं — एक हासन (कर्नाटक) से 20,000 और दूसरी सागर (मध्य प्रदेश) से 67,500 रुपये की ठगी से जुड़ी।
तीसरा मामला
तीसरे केस में हसीन निवासी पचगांव थाना सदर तावडू को गिरफ्तार किया गया। उस पर आरोप है कि उसने रैपिडो एप के जरिए लोगों से संपर्क कर झूठे मैसेज भेजकर पैसे वसूले।
नूंह साइबर थाना पुलिस ने कहा कि चारों आरोपी अलग-अलग तरीकों से देशभर के लोगों को ठगते थे। बरामद मोबाइल और सिम कार्डों की तकनीकी जांच जारी है और जल्द ही कई और मामलों के खुलासे की संभावना है। पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए विशेष टीमें लगातार सक्रिय हैं और नूंह जिला अब साइबर अपराधियों की निगरानी का केंद्र बना हुआ है।