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Cyber ​​Crime Case : CBI ने दिल्ली-एनसीआर में की छापेमारी, हाथ आई ये अहम जानकारी

Cyber ​​Crime Case CBI raids in Delhi NCR
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नई दिल्ली, 4 दिसंबर (भाषा)

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 117 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में बुधवार को दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में 10 ठिकानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अज्ञात विदेशी व्यक्ति और संगठित साइबर अपराधी कथित रूप से पूरे भारत में व्यवस्थित वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल हैं।

सीबीआई ने एक जनवरी, 2023 और 17 अक्टूबर, 2023 के बीच राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज 3,903 शिकायतों का विश्लेषण किया, जिससे पता चला कि इन गिरोहों ने 117 करोड़ रुपये की भारी रकम ठगी है। सीबीआई जांच में पता चला कि ठग भोले-भाले लोगों को लुभाने के लिए वेबसाइट, व्हाट्सएप और टेलीग्राम का इस्तेमाल करते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने इस साल के दौरान इन घोटालों के मुख्य सरगनाओं पर नजर रखने के लिए निगरानी और विस्तृत तकनीकी विश्लेषण शुरू किया। सीबीआई इस मामले में 10 संदिग्धों को पकड़ने में कामयाब रही, जिनके परिसरों पर बुधवार को छापे मारे गए। इनमें से आठ ठिकाने दिल्ली और दो गुरुग्राम में हैं।

सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘वे लोगों को अंशकालिक नौकरी घोटालों, प्रारंभिक निवेश पर ऊंचे ‘रिटर्न' के वादे के माध्यम से लोगों को लुभाते हैं। पीड़ितों द्वारा जमा की गयी रकम को ‘म्यूल अकाउंट' के नेटवर्क के जरिए शीघ्र इस तरह अंतरित किया जाता है कि उसके मूल स्रोत का पता न चले।''

‘म्यूल' बैंक खाता किसी दूसरे व्यक्ति का ऐसा खाता होता है जिसका इस्तेमाल खाताधारक की अनभिज्ञता में वित्तीय गड़बड़ियों के लिए किया जाता है। प्रवक्ता ने कहा कि इन धनराशियों को दुबई और यूएई के अन्य स्थानों पर भेजा गया, जहां उन्हें पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) लेनदेन दिखाकर आगे भेज दिया गया।

सीबीआई ने 3,295 भारतीय बैंक खातों का पता लगाया, जिनका इस्तेमाल इन धोखाधड़ी वाले लेनदेन को अंजाम देने के लिए किया गया था। बयान में कहा गया है, "इन धनराशियों को अंततः एटीएम के माध्यम से विदेश में निकाल लिया जाता है या 'पेपल' जैसे प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जाता है।”

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