नयी दिल्ली/श्रीनगर, 10 जून (एजेंसी)
पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणी करने को लेकर दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर एवं कुछ राज्यों में भी शुक्रवार को प्रदर्शन हुए। पथराव में कुछ पुलिस कर्मी घायल हो गए और सुरक्षा बलों को कुछ स्थानों पर लाठीचार्ज करने, आंसू गैस के गोले छोड़ने तथा हवा में गोलियां चलानी पड़ी।
जम्मू-कश्मीर में, भद्रवाह और किश्तवाड़ के कुछ इलाकों में तनाव पैदा होने के बाद अधिकारियों ने कर्फ्यू लगा दिया, जबकि कश्मीर के कुछ हिस्सों में बंद जैसी स्थिति रही।
वहीं, झारखंड की राजधानी रांची के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग की। शर्मा, भाजपा की पूर्व प्रवक्ता हैं, जबकि जिंदल पार्टी की दिल्ली इकाई के पूर्व प्रमुख है। उल्लेखनीय है कि भाजपा पैगंबर के बारे में विवादित बयान देने वाले अपने दोनों नेताओं को निलंबित कर चुकी है। दिल्ली में, जामा मस्जिद के बाहर और अन्य स्थानों पर ज्यादातर प्रदर्शन जुम्मे की नमाज के बाद हुए तथा पुलिस ने कई गिरफ्तारियां भी कीं। हालांकि, जामा मस्जिद के शाही इमाम ने प्रदर्शनकारियों से दूरी बनाते हुए कहा,‘कोई नहीं जानता कि प्रदर्शनकारी कौन थे’ और उन्होंने इस तरह के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कई विद्यार्थियों ने भी विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। झारखंड की राजधानी रांची में एक अधिकारी ने बताया कि शहर के मुख्य मार्ग पर स्थित हनुमान मंदिर के निकट प्रदर्शन कर रही भीड़ को नियंत्रित करते समय कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
प्रदर्शनकारी नजदीक स्थित एक मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा करने के बाद सड़कों पर उमड़ आये तथा पथराव किया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं और लाठी चार्ज किया। हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों और आमजन की संख्या के बारे में पूछे जाने पर रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि सटीक संख्या का पता लगाया जा रहा है। बदमाशों पर नजर रखने के लिए प्रभावित इलाकों में ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। इस बीच, यूपी और महाराष्ट्र के कई शहरों में भी प्रदर्शन हुए।
वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की एक अदालत में शर्मा और जिंदल तथा स्वामी यति नरसिंहानंद के खिलाफ शुक्रवार को एक शिकायत दायर की गई।
टीवी चैनलों पर न जायें उलेमा : बोर्ड
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों और धर्मगुरुओं से अपील की कि वे टेलीविजन चैनलों की बहस में शामिल होने से परहेज करें। बोर्ड ने एक बयान में दावा किया कि इस तरह की बहस एवं चर्चा में भाग लेने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इनमें इस्लाम और मुस्लिम समुदाय का मजाक बनाया जाता है। बोर्ड ने कहा, ‘उलेमा और मुस्लिम बुद्धिजीवियों को ऐसे कार्यक्रमों में भाग नहीं लेना चाहिए।’