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Cultivation of Kinnow: धुंध न पड़ने से फीकी पड़ी किन्नू की चमक और मिठास, बीते वर्ष के मुकाबले उत्पादन कम

सिरसा जिले में 15 हजार एकड़ में है किन्नू का उत्पादन, तुड़ाई का काम शुरू, रात के समय तीन से बढ़कर सात डिग्री तक पहुंच रहा है न्यूनतम तापमान
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सिरसा, 16 दिसंबर (हप्र/ आनंद भार्गव)

Cultivation of Kinnow: दिसंबर महीना आधा बीत चुका है। दो रात कड़ाके की ठंड पड़ने के बाद अब फिर से तापमान बढ़ना शुरू हो चुका है। दोपहर के समय तेज धूप गर्मी का अहसास करवा रही है। ठंड व धुंध कम पड़ने के कारण रबी की फसलों के साथ ही किन्नू की बागवानी पर भी इसका असर पड़ रहा है। धुंध न पड़ने के कारण इस बार किन्नू की चमक फीकी होने के साथ ही उसमें मिठास भी कम है। इस वर्ष जिले में किन्नू का उत्पादन 40 फीसदी कम होने का अनुमान है लेकिन किसानों को बीते वर्ष के मुकाबले चार गुणा अधिक भाव मिलने से कुछ लाभ हो रहा है।

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जिले में इस वर्ष 15 हजार एकड़ में किन्नू की बागवानी है। किन्नू तैयार होने के बाद तुड़ाई का काम शुरू हो चुका है। बीते वर्ष एक किन्नू के पेड़ पर करीब एक क्विंटल पैदावार हुई थी। लेकिन इस बार पैदावार 30 से 40 फीसदी कम होने का अनुमान है। जिसके कारण किन्नू के भाव भी बीते वर्ष के मुकाबले चार गुणा तक बढ़े हैं। बीते वर्ष किसानों को किन्नू के भाव आठ से नौ रुपये प्रति किलो मिले थे । लेकिन इस वर्ष भाव बढ़कर 24 से 25 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। जिससे किसानों का इसका काफी लाभ मिल रहा है। हालांकि मिठास व चमक कम होने के कारण भी भाव में उतार चढ़ाव हो रहा है। बागवानी विभाग के अधिकारियों के अनुसार अगर जल्द ही धुंध पड़ना शुरू हो गई तो किन्नू की चमक बढ़ने के साथ मिठास बढेगी। जिससे भाव भी पहले के मुकाबले बढ़ने का अनुमान है। कई किसानों की तरफ से तुड़ाई का काम शुरू कर दिया गया है।

बेमौसमी सब्जी की बिजाई करने का अच्छा मौका

जिले में दो दिन पहले रात का तापमान तीन से चार डिग्री तक पहुंच गया था। पाला जमने के कारण टमाटर, मिर्च और बैंगन की सब्जी के पौधों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन अब स्थिति फिर से सामान्य हो चुकी है। अब न्यूनतम तापमान सात डिग्री व अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री तक पहुंच रहा है। इससे सब्जियों को अभी कोई भी नुकसान नहीं है। अगर तापमान में कई दिनों तक गिरावट हुई तो आलू की फसल को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। अब के तापमान में किसान बेल की सब्जियां जैसे करेला, घीया, तरबूज, पेठा, खीरा सहित अन्य बेल की सब्जियों की लो टनल की सहायता से तैयार कर सकते हैं। लो टनल पर लगा पॉलीथिन दिन के समय में तेज धूप से सब्जी को बचाएगा जबकि रात के समय पड़ने वाले कोहरे से सब्जी की सुरक्षा करेगा। सब्जी को तैयार करने के बाद किसान अच्छा मुनाफा भी ले सकते हैं। बता दें कि जिले में इस वर्ष 1100 एकड़ में आलू, मटर, गोभी, मूली, गाजर सहित अन्य सब्जियों की पैदावार की जा रही है। कई सब्जियों पूरी तरह से तैयार होने के बाद उनकी तुड़ाई का काम चल रहा है तो कई सब्जियां अभी तैयार हो रही है।

जिले में 15 हजार एकड़ में किन्नू की बागवानी है। किन्नू तैयार होने के बाद तुड़ाई का काम शुरू हो चुका है। लेकिन इस बार ठंड कम पड़ने और धुंध न होने के कारण किन्नू में मिठास व चमक भी कम है। ठंड कम होने से सब्जियों को भी इसका लाभ मिल रहा है। किसान अब अगेती बेल वाली सब्जियों की बिजाई लो टनल के अनुसार तैयार कर सकते हैं।

पुष्पेंद्र सिंह, जिला बागवानी अधिकारी, सिरसा

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