Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

‘नक्सलवाद मुक्त देश’ मिशन की रीढ़ है सीआरपीएफ : शाह

नीमच में मनाया केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का 86वां स्थापना दिवस
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
नीमच में बृहस्पतिवार को सीआरपीएफ अधिकारी को सम्मानित करते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। -प्रेट्र
Advertisement

नीमच (मप्र), 17 अप्रैल (एजेंसी)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में सिर्फ चार जिलों तक सीमित नक्सलवाद को अगले साल 31 मार्च तक खत्म कर दिया जाएगा और सीआरपीएफ इस मिशन की रीढ़ है। वह मध्यप्रदेश के नीमच जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 86वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद भारत में सिर्फ चार जिलों तक सीमित रह गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि 31 मार्च, 2026 तक देश से यह समस्या खत्म हो जाएगी। सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और सीआरपीएफ, खासकर इसकी कोबरा बटालियन देश से नक्सलवाद को खत्म करने में अहम भूमिका निभा रही है। ‘कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन’ (कोबरा) सीआरपीएफ की एक विशेष इकाई है, जो गुरिल्ला और जंगल युद्ध में खासकर नक्सली खतरे से निपटने में अपनी दक्षता के लिए जानी जाती है। शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने नक्सल (प्रभावित) क्षेत्रों में 400 से अधिक अग्रिम संचालन बेस स्थापित किए हैं। इसकी वजह से इन क्षेत्रों में हिंसा में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है और अब हम इसे समाप्त करने के करीब हैं।

Advertisement

शाह ने कहा कि आपमें से 2,264 ने अपने प्राणों की आहुति दी है। मैं सभी शहीदों के परिवारों से कहना चाहता हूं कि जैसे-जैसे देश 2047 तक सर्वोच्च शक्ति बनने की ओर अग्रसर होगा, आपके परिवारों का योगदान बहुत बड़ा होगा। उन्होंने कहा कि जब भारत की आजादी का स्वर्णिम इतिहास लिखा जाएगा, तो हमारे अमर शहीदों के बलिदान की गाथा स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी। मुझे इस बात का पूरा विश्वास है।राष्ट्रीय सुरक्षा में बल का अहम योगदान

शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में सीआरपीएफ का योगदान अद्वितीय है, चाहे वह कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लड़ना हो, पूर्वोत्तर में शांति सुनिश्चित करना हो या आज कट्टर नक्सलियों को सिर्फ चार जिलों तक सीमित करना हो। उन्होंने कहा कि इन सभी उपलब्धियों में सीआरपीएफ के जवानों ने अहम भूमिका निभाई है। कोई भी किताब उनकी बहादुरी, कर्तव्य की भावना और साहस का वर्णन नहीं कर सकती।

Advertisement
×