अमृत स्नान पर श्रद्धालुओं का सैलाब, कल्पवासियों ने समेटा डेरा
हरि मंगल
प्रयागराज महाकुंभ के पांचवें अमृत स्नान पर्व माघ पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को देश-विदेश से आये करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और पावन संगम में स्नान कर पूजा, पाठ और दान किया। वहीं, 10 लाख से अधिक कल्पवासियों ने त्रिवेणी तट से भावुक मन से अपने घरों को प्रस्थान किया। अमावस्या के बाद श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ का पूर्वानुमान कर प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे। नगर में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाये जाने से श्रद्धालुओं को 5 से 10 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ी। प्रशासन की ओर से माघ पूर्णिमा पर 2.5 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान का आंकड़ा अनुमानित है। प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से कई बार पुष्प वर्षा की गई। प्रमुख स्नान घाटों तक पहुचने के लिये लोगों को 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। कुछ शटल बसें चलाई गई हैं लेकिन वह श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुये अपर्याप्त थीं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाब कम करने के लिये प्रसिद्ध हनुमान मन्दिर, अक्षयवट, डिजिटल महाकुंभ केन्द, नागवासुकी मन्दिर जैसे कई मन्दिरों को सुबह से ही बंद करा दिया था।
आज कल्पवासियों ने स्नान से पहले अपने शिविर की तीन मुख्य चीजों, तुलसी के पौधे, भगवान शालिग्राम और शिविर के बाहर बोये गये जौ के पौधों को पूरे आस्था और श्रद्धा के सहेजा। स्नान घाटों पर आज अधिकांश कल्पवासियों के चेहरे पर मां गंगा से दूर जाने की विवशता का दुख दिखा। तीर्थ पुरोहित गोपाल पंडा ने बताया कि अधिकांश कल्पवासी आज अपने घरों को लौट गये हैं लेकिन अभी भी कुछ कल्पवासी रुके हुये हैं क्योंकि उन्होंने आज ही कथा और हवन किया है। वह कल तक वापसी करेंगे।