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Cough Syrup Death Case : गुजरात सरकार ने 2 दवा कंपनियों को उत्पादन रोकने का दिया आदेश, इस वजह से लिया एक्शन

संयुक्त निरीक्षण के दौरान दोनों कंपनियों के परिसरों में एनएसक्यू दवा की कोई मात्रा नहीं पाई गई
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Cough Syrup Death Case : गुजरात सरकार ने कफ सिरप और अन्य दवाओं के ‘‘मानक गुणवत्ता'' (एनएसक्यू) के अनुरूप नहीं पाए जाने पर 2 दवा कंपनियों को तत्काल प्रभाव से उत्पादन बंद करने का आदेश दिया है। एक मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह कदम मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में "विषाक्त" कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ' पीने से कथित तौर पर गुर्दे खराब होने के कारण 14 बच्चों की मौत होने की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने गांधीनगर में कहा कि जांच के बाद गुजरात सरकार ने सुरेंद्रनगर स्थित ‘शेप फार्मा प्राइवेट लिमिटेड' और अहमदाबाद की ‘रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड' को तत्काल प्रभाव से अपना परिचालन बंद करने को कहा है।

यह कदम तब उठाया गया, जब कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया था कि गुजरात में बेचे जा रहे सिरप में कोई हानिकारक तत्व तो नहीं हैं। पटेल ने कहा कि हाल ही में राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बच्चों के लिए बने और बिना चिकित्सक के पर्चे के बेचे जाने वाले कुछ कफ सिरप को इन राज्यों के अधिकारियों ने 'एनएसक्यू' घोषित कर दिया है। इनमें से कुछ एनएसक्यू सिरप गुजरात में दो कंपनियों - शेप फार्मा और रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स - द्वारा बनाए गए थे। इस खुलासे के बाद राज्य खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशास और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की एक संयुक्त टीम ने तीन और पांच अक्टूबर को इन दोनों कंपनियों की विनिर्माण केन्द्रों में गहन निरीक्षण किया।

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पटेल ने बताया कि संयुक्त जांच के दौरान पाई गई विभिन्न कमियों के आधार पर अधिकारियों ने दोनों कंपनियों को तत्काल प्रभाव से सभी प्रकार की दवाओं का निर्माण बंद करने का आदेश दिया है। संयुक्त निरीक्षण के दौरान दोनों कंपनियों के परिसरों में एनएसक्यू दवा की कोई मात्रा नहीं पाई गई। हमने दोनों कंपनियों को बाजार से एनएसक्यू सिरप तुरंत वापस लेने का भी आदेश दिया है। हमने राज्य भर के दवा विक्रेताओं से इन उत्पादों को न बेचने और वापस करने को कहा है। दोनों कंपनियों द्वारा उत्पादित अन्य कफ सिरप के चौदह नमूने एकत्र किए गए हैं। जांच के लिए एक सरकारी प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। गुजरात में कुल 624 लाइसेंस प्राप्त तरल दवा निर्माता कंपनियां हैं, जो राज्य के भीतर और बाहर अधिकृत वितरकों के माध्यम से अपने उत्पादों की आपूर्ति करती हैं।

सरकारी प्रवक्ता ने पुष्टि की कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में, गुजरात एफडीसीए ने राज्य में निर्मित और वितरित दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए सभी सहायक आयुक्तों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सहायक आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में सभी ओरल लिक्विड या कफ सिरप निर्माण कंपनियों का सख्त निरीक्षण करें। इस निरीक्षण के दौरान पानी की गुणवत्ता, कच्चे माल के स्रोत, उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की गहन जांच की जाएगी।

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