नयी दिल्ली, 19 मई (एजेंसी) भोजन पकाने में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी गैस के सिलेंडर की कीमत बृहस्पतिवार को 3.50 रुपये बढ़ा दी गई। इस महीने एलपीजी सिलेंडर के दाम दूसरी बार बढ़ाए गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन वितरक कंपनियों ने दाम में बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की। इसके अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब 1,003 रुपये हो गयी है जो पहले 999.50 रुपये थी। एलपीजी की दरों में इस महीने दूसरी बार और दो महीने से भी कम समय में तीसरी बार वृद्धि की गई है। सात मई को प्रति सिलेंडर 50 रुपये की वृद्धि की गयी थी, इससे पहले 22 मार्च को भी प्रति सिलेंडर कीमतों में इतनी ही वृद्धि की गयी थी। अप्रैल 2021 के बाद से एलपीजी सिलेंडर के दाम 193.5 रुपये बढ़ चुके हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार 43वें दिन भी स्थिर रहीं। इससे पहले, 22 मार्च से शुरू करते हुए 16 दिन के भीतर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुल दस रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। ईंधन कंपनियों ने आधिकारिक तौर पर यह वृद्धि बिना सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर के लिए ही की है। लेकिन देश के अधिकांश शहरों में अब सरकार की तरफ से गैस सिलेंडर पर सब्सिडी नहीं दी जा रही है लिहाजा खरीदारों को बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर ही खरीदने पड़ रहे हैं। मुंबई में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर के दाम 1,002.50 रुपये, चेन्नई में 1,018.50 रुपये और कोलकाता में 1,029 रुपये है। तेल कंपनियों ने वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतें भी आठ रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ा दी हैं जिसके बाद 19 किलो वजन वाले सिलेंडर की कीमत 2,354 रुपये हो गई है। इससे पहले, एक मई को 102.50 रुपये प्रति सिलिंडर की वृद्धि कर दी गई थी जिसके बाद सिलेंडर की कीमत 2,355.50 रुपये हो गई थी। सात मई को कीमत में कमी की गई थी और तब एक सिलेंडर 2,346 रुपये का था।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।