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पंजाब विधानसभा राज्य में सुरक्षा के मुद्दे का कांग्रेस का वॉकआउट

बीबीएमबी परियोजनाओं पर केंद्रीय बल की तैनाती के खिलाफ प्रस्ताव पास
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संजीव सिंह बरियाना/ ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 11 जुलाई

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राज्य में बढ़ते गैंगस्टरों के मुद्दे को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच, पंजाब विधानसभा ने शुक्रवार को भाखड़ा और बीबीएमबी की अन्य जलविद्युत परियोजनाओं पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तैनाती के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया। केंद्र से सीआईएसएफ की तैनाती न करने का अनुरोध करने का फैसला किया गया। विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया कि 70 से अधिक वर्षों के अनुभव वाली पंजाब पुलिस प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से सक्षम है।

सत्र की शुरुआत में, कांग्रेस नेताओं ने गैंगस्टरों के मुद्दे पर चर्चा न कराये जाने के विरोध में वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने अबोहर में प्रमुख व्यापारी संजय वर्मा की हत्या और उसके बाद कथित फर्जी एनकाउंटर का मुद्दा उठाते हुए चर्चा की मांग की। स्पीकर कुलतार सिंह संधवां द्वारा यह घोषणा किए जाने के बाद माहौल गरमा गया कि विशेष सत्र में प्रश्नकाल या शून्यकाल नहीं होगा। प्रस्ताव पेश किये जाने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित आप विधायकों ने कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर पंजाब के जल अधिकारों की अनदेखी की है। मुख्यमंत्री मान ने कहा, ‘पंजाब, हरियाणा भाई-भाई हैं और देश के अनाज भंडार में 70 फीसदी से अधिक का योगदान करते हैं। वर्षों से, पंजाब और हरियाणा में सत्ता संभालने वाली पार्टियों ने यह सुनिश्चित किया कि लड़ाई जारी रहे ताकि वे सत्ता का आनंद ले सकें।’ विपक्ष पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा, ‘चरणजीत चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भाखड़ा बांध पर सीआईएसएफ सुरक्षा के लिए 50 करोड़ आवंटित करके समझौता किया था।’ शिअद विधायक मनप्रीत अयाली और भाजपा विधायक जंगी लाल महाजन ने भी प्रस्ताव के पक्ष में बात की।

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