Congress vs BJP : जयराम रमेश ने श्रम नीति को बताया मनुस्मृति की उपज, कहा - नई श्रम शक्ति नीति संविधान की मूल भावना के खिलाफ
Congress vs BJP : कांग्रेस ने ‘श्रम शक्ति नीति' को लेकर बृहस्पतिवार को दावा किया कि यह ‘मनुस्मृति' से प्रेरित है इसलिए यह संविधान का ‘‘अपमान'' है तथा बाबसाहेब भीमराव आंबेडकर की विरासत के भी खिलाफ है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘श्रम शक्ति नीति 2025' के मसौदे का हवाला देते हुए कहा कि यह उस ‘मनुस्मृति' से प्रेरित है जिसने देश में जाति व्यवस्था और जातिवाद को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस 26 नवंबर, 1949 को संविधान अंगीकार किए जाने के बाद से ही इसका विरोध कर रहा है क्योंकि उसके अनुसार यह मनुस्मृति के मूल्यों पर आधारित नहीं है। अब मोदी सरकार के मसौदे में कहा गया है कि श्रम शक्ति नीति भारत के संविधान से नहीं, बल्कि मनुस्मृति जैसे प्राचीन ग्रंथों से प्रेरित है। यह हमारे संविधान का अपमान है और इसकी निंदा की जानी चाहिए।
रमेश ने यह भी सवाल उठाया कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ‘डबल इंजन' सरकार ने आरक्षण कानून को संवैधानिक संरक्षण क्यों नहीं दिलाया। संविधान का रोजाना अपमान और उस पर हमला किया जा रहा है और यह कहना बाबासाहेब आंबेडकर की विरासत के बिल्कुल खिलाफ है कि हमारी (सरकार) नीति मनुस्मृति पर आधारित है।
कांग्रेस ने बुधवार को मोदी सरकार पर इस महीने की शुरुआत में जारी श्रम शक्ति नीति के नए मसौदे के जरिए मनुस्मृति के सिद्धांतों की ओर लौटने का आरोप लगाया था। इस नीति में दावा किया गया है कि ‘मनुस्मृति' सभ्यता के ताने-बाने में श्रमिक शासन के नैतिक आधार को समाहित करती है।
