Congress Sangathan Srijan Program : दिग्गज नेताओं का टटोला मन, जिलाध्यक्षों के नामों पर वन-टू-वन लिया फीडबैक
हरियाणा में कांग्रेस के ‘संगठन सृजन’ कार्यक्रम के तहत सोमवार को नई दिल्ली में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं का मन टटोला गया। जिलाध्यक्षों के लिए शॉर्ट-लिस्ट करके बनाए गए पैनल में शामिल नेताओं के नामों के बारे में वरिष्ठ नेताओं के साथ वन-टू-वन बातचीत की गई। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने इस पूरी कवायद को पूरा किया।
अब दोनों नेता पूरी रिपोर्ट लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सामने रखेंगे। राहुल गांधी ही संगठन को लेकर अंतिम फैसला करेंगे। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को अपनी बात रखने के लिए करीब 20-20 मिनट का समय दिया गया। उनसे पैनल में शामिल नेताओं के बारे में चर्चा की गई। यह भी पूछा गया कि पैनल में शामिल चेहरों में से कौन जिलाध्यक्ष के लिए सबसे प्रभावी और उपयुक्त रहेगा।
हालांकि इससे पूर्व की पूरी कवायद से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को दूर रखा गया था। हाईकमान की ओर से सभी जिलों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे। पर्यवेक्षकों ने जिलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के बाद जिलाध्यक्ष पद के लिए आए आवेदनों की छंटनी करके छह-छह के नाम के पैनल बनाए थे। केसी वेणुगोपाल और बीके हरिप्रसाद ने फिर पर्यवेक्षकों के साथ वन-टू-वन बातचीत की और नामों को शॉर्ट-लिस्ट किया। अब फाइनल पैनल पर ही प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की राय जानी गई।
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में राय-शुमारी की प्रक्रिया शम को 4 बजे से लगभग साढ़े 5 बजे तक चली। प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान को सबसे पहले बातचीत के लिए बुलाया गया। वे क्योंकि पिछले करीब तीन वर्षों से राज्य में पार्टी की बागड़ोर संभाल रहे हैं। ऐसे में उनसे सभी जिलों के नामों को लेकर चर्चा की गई। उदयभान ने जातिगत व क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से अपनी बात केंद्रीय नेताओं के सामने रखी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा, राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला से भी केसी वेणुगोपाल और बीके हरिप्रसाद द्वारा बातचीत की गई। यहां बता दें कि हरियाणा में संगठन गठन को लेकर राहुल गांधी गुजरात का फार्मूला अपनाने को कह चुके हैं। गुजरात में भी गुटबाजी की वजह से ही संगठन का गठन नहीं हो पा रहा था। माना जा रहा है कि राहुल की मुहर के बाद जिलाध्यक्षों की लिस्ट जल्द जारी हो सकती है।