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कांग्रेस ने कहा- भारत को चीन, US और PAK से राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा

US Tariff: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह कभी देश में "टॉप" (टॉप...टमाटर, प्याज़ और आलू की क़ीमतें) चुनौती की बात करते थे, लेकिन अब भारत को "कैप" (चीन, अमेरिका और पाकिस्तान)...
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US Tariff: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह कभी देश में "टॉप" (टॉप...टमाटर, प्याज़ और आलू की क़ीमतें) चुनौती की बात करते थे, लेकिन अब भारत को "कैप" (चीन, अमेरिका और पाकिस्तान) से उत्पन्न राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर लगातार सख्त होते जा रहे हैं। उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाए जाने को लेकर निशाना साधा।

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रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "भारत के प्रति राष्ट्रपति ट्रंप के तेवर लगातार सख्त होते जा रहे हैं। 10 मई से अब तक ट्रंप 30 बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को रुकवाया। ये दावे उन्होंने चार अलग-अलग देशों में किए हैं।उन्होंने 18 जून को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान सेना प्रमुख और पहलगाम आतंकी हमलों के सूत्रधार की दोपहर के भोजन पर मेज़बानी की।"

उन्होंने कहा, "30 जुलाई को ट्रंप ने भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से भारत की तेल व रक्षा खरीद पर अतिरिक्त पेनल्टी लगा दी। साथ ही, ईरान से संबंध रखने के आरोप में छह भारतीय कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए।"

रमेश ने इस बात का उल्लेख किया कि ट्रंप ने यह भी घोषणा की है कि अमेरिका पाकिस्तान को उसके तेल (और गैस) भंडारों की खोज और विकास में मदद करेगा। उन्होंने कहा, "यह उस वित्तीय सहायता से अलग है, जो वह पहले ही पाकिस्तान को आईएमएफ और विश्व बैंक से दिलवा चुके हैं।"

कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी कभी देश में टमाटर, प्याज़ और आलू की क़ीमतों को लेकर "टॉप" चुनौती की बात करते थे। अब भारत को "कैप"- चीन, अमेरिका और पाकिस्तान से उत्पन्न राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।"

रमेश ने दावा किया, "प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से अपनी निजी दोस्ती में बहुत निवेश किया, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग से किया था। लेकिन अब दोनों नेताओं को यह भलीभांति समझ आ गया है कि उन्हें उनके अहंकार और आत्ममुग्ध स्वभाव के जरिए किस तरह साधा जा सकता है।"

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