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कांग्रेस ने कहा- USAID मामले में BJP माफी मांगे, 70 साल की विदेशी ‘फंडिंग' पर ‘श्वेत पत्र' लाया जाए

USAID: कहा- सच्चाई ये है कि नरेंद्र मोदी, ट्रंप से एकतरफा रिश्ता निभाते हुए देश की साख पर बट्टा लगा रहे हैं
जयराम रमेश। पीटीआई फाइल फोटो
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नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा)

USAID: कांग्रेस ने अमेरिकी एजेंसी ‘यूएसएड' के वित्तपोषण के मामले से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि अब सच सामने आने के बाद सत्तारूढ़ दल को माफी मांगनी चाहिए।

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मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि ‘यूएसएड' तथा अन्य ऐसी विदेशी एजेंसियों द्वारा पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत में की गई ‘फंडिंग' पर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘यूएसएड' द्वारा भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए किए गए 2.1 करोड़ डॉलर के वित्तपोषण को लेकर सवाल उठाया था और कहा था कि उन्हें लगता है कि पूर्व का अमेरिकी प्रशासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव किसी और को जितवाना चाहता था।

अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस' में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर में कहा गया कि यह 2.1 करोड़ डॉलर भारत में नहीं, बल्कि बांग्लादेश में भेजा गया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स' पर यह खबर साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘‘झूठ सबसे पहले वाशिंगटन में बोला गया। फिर झूठ को भाजपा की झूठ सेना द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया...अब झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है।''

उन्होंने सवाल किया कि क्या झूठे लोग माफी मांगेंगे? कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक हफ्ते से एक कहानी चलाई रही है कि यूएसएड ने नरेंद्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर दिए। अगर इतनी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने भारत में 2.1 करोड़ डॉलर आने दिए तो ये शर्म की बात है। वहीं, जब इस बारे में मोदी सरकार से सवाल पूछा गया तो कहने लगे- ये पैसा 2012 में संप्रग सरकार के समय आया था। ऐसे में क्या 2014 में भाजपा इसी पैसे से जीती थी?''

उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक की खबर का हवाला देते हुए कहा कि सच्चाई ये है कि यूएसएड के ये 2.1 करोड़ डॉलर बांग्लादेश के गैर सरकारी संगठनों को गए हैं। खेड़ा ने दावा किया, ‘‘एक समय भारत के प्रधानमंत्री के पद की ऐसी साख होती थी कि अमेरिका तक को पीछे हटना पड़ता था, लेकिन आज अमेरिका से बांग्लादेश में 2.1 करोड़ डॉलर आ गए, पर नरेंद्र मोदी को कुछ पता ही नहीं।''

उन्होंने सवाल किया, ‘‘ये आपका कैसा सूचना तंत्र है? ये आपका कैसा खुफिया तंत्र है? क्या बांग्लादेश में आई अस्थिरता का असर भारत पर नहीं पड़ेगा?'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम यूएसएड या किसी फंडिंग एजेंसी के खिलाफ नहीं हैं। देश में फंडिंग के लिए कानून हैं, जिनके तहत भाजपा से जुड़े एनजीओ भी फंड लेते हैं, लेकिन जानबूझकर सिर्फ कांग्रेस का नाम लेना गलत है।''

उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेता स्मृति ईरानी ‘यूएसएड' की ब्रांड एंबेसडर थीं। खेड़ा ने सवाल किया, ‘‘स्मृति ईरानी सिलेंडर लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करती थीं, तो क्या वो प्रदर्शन ‘यूएसएड' करवा रहा था? '' उन्होंने दावा किया, ‘‘अन्ना हजारे ने दिल्ली में आंदोलन किया, हमारी सरकार यहां हारी, फिर वो अमेरिका गए और रोड शो किया। फोर्ड फाउंडेशन का पैसा आता था, उसमें आरएसएस भी शामिल था।''

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सच्चाई ये है कि नरेंद्र मोदी, ट्रंप से एकतरफा रिश्ता निभाते हुए देश की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। उन्होंने भाजपा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आप एक विशाल शीशमहल में रह रहे हैं। पत्थर मत उछालिए। आपको मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेगी।''

खेड़ा ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सिर्फ ‘यूएसएड' ही नहीं, ऐसी सभी एजेंसियों द्वारा पिछले 70 साल में की गई फंडिंग पर श्वेत पत्र लाया जाए।'' ट्रंप के बयान को लेकर भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी से वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे की पुष्टि होती है कि विदेशी ताकतें उन्हें सत्ता में आने से रोकने की कोशिश कर रही थीं।

 

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