Congress: हरियाणा व मध्य प्रदेश के नये जिला अध्यक्षों को राहुल गांधी देंगे ग्राउंड फाइटिंग की ट्रेनिंग
Congress: हरियाणा की सियासत में कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाते हुए हाल ही में 32 जिला अध्यक्षों की सूची जारी की है। अब मध्य प्रदेश सहित हरियाणा के इन नवनियुक्त जिला अध्यक्षों को पार्टी नेतृत्व ग्राउंड स्तर पर मजबूत बनाने की दिशा में प्रशिक्षित करने जा रहा है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से भेजे गए पत्र के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में यह पहल शुरू की गई है।
इसके तहत सभी नवनियुक्त जिला अध्यक्षों को दो स्तर की अनिवार्य ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के दो चरण होंगे। पहले चरण में 24 अगस्त को नई दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में एक दिवसीय ट्रेनिंग और ओरिएंटेशन प्रोग्राम होगा। वहीं दूसरा चरण 10 दिनों का होगा। यह 10 दिन का रेज़िडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम होगा। यह ट्रेनिंग कहां होगी, इसका फैसला 24 को होने वाली बैठक में ही किया जाएगा।
पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि ट्रेनिंग प्रोग्राम हरियाणा से बाहर भी हो सकता है। ट्रेनिंग में सभी जिला अध्यक्षों को भाग लेना अनिवार्य रहेगा। वेणुगोपाल की ओर से जारी किए गए पत्र के मुताबिक, राहुल गांधी ने 24 अगस्त को दिल्ली स्थित इंदिरा भवन, कोटला मार्ग पर होने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने और जिला अध्यक्षों को मार्गदर्शन देने के लिए सहमति दे दी है।
प्रोग्राम सुबह 9:30 बजे शुरू होकर शाम 7 बजे तक चलेगा। इस दौरान राहुल गांधी जिला अध्यक्षों को यह बताएंगे कि संगठन को बूथ स्तर तक कैसे मजबूत किया जाए। भाजपा के खिलाफ ग्राउंड पर मजबूत संघर्ष कैसे खड़ा किया जाए। जनता के मुद्दों को कैसे उठाया और संगठित किया जाए। विशेषज्ञ मानते हैं कि कांग्रेस का यह कदम हरियाणा में आने वाले चुनावों से पहले संगठन को नई ऊर्जा देगा।
नवनियुक्त जिलाध्यक्षों को ट्रेनिंग के ज़रिए पार्टी लाइन पर एक्टिव करने और भाजपा की रणनीति का मुक़ाबला करने के गुर सिखाए जाएंगे। कांग्रेस का दावा है कि "संगठन सृजन अभियान’ के तहत चुने गए ये अध्यक्ष पार्टी की रीढ़ साबित होंगे और प्रदेश की जनता के मुद्दों को सड़क से सदन तक मजबूती से उठाएंगे। राहुल गांधी इससे पहले चंडीगढ़ में संगठन सृजन कार्यक्रम का आगाज करने भी आए थे। उनके निर्देशों पर ही केंद्रीय पर्यवेक्षक तय किए गए थे।