ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Adani Group के एकाधिकार से कांग्रेस चिंतित, कहा- प्रतिस्पर्धा को दबाया न जाए

कहा- एकाधिकार अस्थिर आर्थिक वृद्धि, बेरोज़गारी संकट और उच्च मुद्रास्फीति से जुड़ा है
जयराम रमेश। फाइल फोटो पीटीआई
Advertisement

नयी दिल्ली, 1 नवंबर (भाषा)

Adani Group Acquisition: कांग्रेस ने अदाणी समूह द्वारा कुछ सीमेंट कंपनियों के अधिग्रहण का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को दावा किया कि देश के कई क्षेत्रों में एकाधिकार बढ़ रहा है जो अस्थिर आर्थिक वृद्धि, बेरोज़गारी संकट और उच्च मुद्रास्फीति से जुड़ा हुआ है।

Advertisement

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की ज़िम्मेदारी है कि प्रतिस्पर्धा को दबाया न जाए, एकाधिकार स्थापित नहीं हो, अधिग्रहण स्वतंत्र और निष्पक्ष हों तथा राजनीतिक सत्ता तक पहुंच से उत्पन्न होने वाले अनुचित लाभ का इस्तेमाल न किया जाए।

कांग्रेस ने अदाणी समूह को सरकार की मदद मिलने और कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एकाधिकार कायम करने के आरोप पहले भी लगाए हैं। अदाणी समूह ने अतीत में कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया है।

रमेश ने शुक्रवार को ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘आप क्रोनोलॉजी समझिए। सितंबर, 2022 में ‘मोदानी' ने अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी का अधिग्रहण किया, जिससे वह देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बन गई। अगस्त, 2023 में अदाणी ने भारत की एक ही स्थान पर सबसे बड़ी सीमेंट इकाई, सांघी इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया।''

उन्होंने कहा कि जून, 2024 में अदाणी ने पेन्ना सीमेंट्स का अधिग्रहण किया, जिससे उसे दक्षिण भारत के अंतिम बचे क्षेत्र में भी पर्याप्त बाज़ार हिस्सेदारी मिल गई तथा अक्टूबर, 2024 में अदाणी ने अतिरिक्त दो प्रतिशत बाज़ार हिस्सेदारी हासिल करते हुए ओरिएंट सीमेंट का अधिग्रहण किया।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि अदाणी समूह सौराष्ट्र सीमेंट, वदराज सीमेंट और जयप्रकाश एसोसिएट्स के सीमेंट व्यवसाय के अधिग्रहण की संभावना तलाश रहा है। रमेश के अनुसार, ‘‘रिजर्व बैंक के पूर्व उप गवर्नर और प्रसिद्ध वित्तीय अर्थशास्त्री डॉ. विरल आचार्य ने साबित किया था कि 5 बड़े समूह, जिनमें अदाणी ग्रुप भी शामिल है, सीमेंट सहित 40 क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित कर रहे हैं।''

उन्होंने कहा कि यह बढ़ता एकाधिकार भारत की अस्थिर आर्थिक वृद्धि, बेरोज़गारी संकट और उच्च मुद्रास्फीति से जुड़ा हुआ है। रमेश ने कहा कि वर्ष 2015 में जब एक आम आदमी सामान पर 100 रुपये ख़र्च करता था, तो 18 रुपये व्यवसाय के मालिक को लाभ के रूप में जाता था तथा 2021 में मालिक को लाभ के रूप में 36 रूपये मिलने लगा।

उन्होंने कहा, ‘‘कंपनियों को आगे बढ़ना चाहिए। कंपनियों को विस्तार भी करना चाहिए। लेकिन साथ ही साथ, यह सुनिश्चित करना सरकार की ज़िम्मेदारी है कि प्रतिस्पर्धा को दबाया न जाए, अल्पाधिकार या एकाधिकार उभर कर सामने न आए, अधिग्रहण स्वतंत्र और निष्पक्ष हों, और राजनीतिक सत्ता तक पहुंच से उत्पन्न होने वाले अनुचित लाभ का इस्तेमाल न किया जाए।''

Advertisement
Tags :
Adani GroupAdani Group AcquisitionHindi NewsIndia business newsJairam Rameshअदाणी ग्रुपअदाणी समूह अधिग्रहणकांग्रेसजयराम रमेशभारत कारोबार समाचारहिंदी समाचार