नयी दिल्ली, 2 फरवरी (एजेंसी)
पश्चिम बंगाल में मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दिकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में टकराव बढ़ गया है। पार्टी नेता आनंद शर्मा ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए सोमवार को कहा था कि यह ‘गांधीवादी एवं नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता’ के खिलाफ है और पार्टी ‘सांप्रदायिकता’ के खिलाफ लड़ाई में चुनींदा रुख नहीं अपना सकती। पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि आनंद शर्मा पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उनकी टिप्पणी भाजपा के एजेंडे के अनुरूप है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘आनंद शर्मा जी इस तथ्य को जान लें कि माकपा नीत वाम मोर्चा पश्चिम बंगाल में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें कांग्रेस अभिन्न हिस्सा है। हम भाजपा की सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीति एवं अधिनायकवादी शासन को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वाम मोर्चा ने अपने हिस्से से आईएसएफ को सीटें दी हैं। आपके द्वारा माकपा नीत मोर्चे के फैसले को ‘सांप्रदायिक’ कहने से भाजपा के ध्रुवीकरण के एजेंडे को ही फायदा होगा।’ कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं से चौधरी ने कहा, ‘मैं प्रतिष्ठित कांग्रेस सदस्यों के खास समूह से आह्वान करूंगा कि वे निजी हितों से ऊपर उठें और प्रधानमंत्री की प्रशंसा करने में समय बर्बाद करना बंद करें। ‘
उधर, भाजपा ने गठबधंन को लेकर कांग्रेस में मचे घमासान पर चुटकी ली और कहा कि वह चाहे कितने भी गठबंधन कर ले उसका ‘डूब चुका जहाज’ अब बचने वाला नहीं है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस का न कोई ईमान है और न ही विचारधारा, बल्कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद और जाति तथा धर्म के नाम पर लोगों को बांटना ही उसकी विचारधारा है।