नयी दिल्ली, 16 जुलाई (एजेंसी)
आम आदमी पार्टी (आप) बेंगलुरू में सोमवार से होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेगी। कांग्रेस के दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश का संसद में विरोध करने के फैसले के बाद आप ने रविवार को इसकी घोषणा की। उसने कांग्रेस के इस कदम को सकारात्मक घटनाक्रम बताया। बैठक में 26 विपक्षी दलों के नेताओं के भाग लेने की संभावना है।
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि पार्टी विपक्षी दलों की बैठक में जाएगी। ‘आप’ की राजनीतिक मामलों की समिति की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। ‘आप’ की पीएसी की बैठक कांग्रेस द्वारा अध्यादेश पर रुख स्पष्ट करने के तुरंत बाद हुई। ‘आप’ ने पहले कहा था कि वह बेंगलुरू की बैठक में तभी शामिल होगी, जब कांग्रेस संसद में अध्यादेश के विरोध में आप को समर्थन देगी।
इससे पहले, कांग्रेस ने साफ किया कि वह दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का संसद में समर्थन नहीं करेगी और देश में ‘संघवाद को ध्वस्त’ करने के केंद्र सरकार के ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करेगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी का रुख साफ है कि वह राज्यपालों के जरिए विपक्षी दलों द्वारा कदम का विरोध करेगी और उसने संसद में इस अध्यादेश पर विधेयक पेश किये जाने पर इसका विरोध करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘हम संघवाद को खत्म करने के केंद्र सरकार के प्रयासों का निरंतर विरोध कर रहे हैं। हम विपक्ष द्वारा शासित राज्यों को राज्यपालों के जरिए चलाने के केंद्र के रवैये का निरंतर विरोध कर रहे हैं। हमारा रुख बहुत स्पष्ट है, हम इस अध्यादेश का समर्थन नहीं करने वाले।’
सोनिया गांधी के भी पहुंचने के आसार
बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी शामिल होने की संभावना है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल हो सकते हैं। दो दिवसीय सत्र की शुरुआत कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा आयोजित रात्रिभोज के साथ होगी।