हरीश लखेड़ा/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 19 दिसंबर
कांग्रेस को नये साल में पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल सकता है। अध्यक्ष के लिए एक ही नाम है, राहुल गांधी। मामला राहुल गांधी की हामी पर टिका है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की शनिवार को बुलाई बैठक को राहुल गांधी की दोबारा ताजपोशी का रास्ता आसान करने की कवायद माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने असंतुष्ट माने जाने वाले नेताओं समेत पार्टी के 20 वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी को मजबूत करने सहित ताजा राजनीतिक हालात पर विचार मंथन किया। कांग्रेस अब सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा के लिए चिंतन शिविर का आयोजन भी करेगी।
सोनिया के आवास 10 जनपथ में लगभग 5 घंटे के मंथन के बाद पार्टी के कार्यकारी कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर नेताओं में कोई असंतोष नहीं है। इसमें पार्टी को सभी स्तरों पर मजबूत करने पर विचार किया गया। कांग्रेस में कोई फूट नहीं है, सभी एकजुट होकर पार्टी में ऊर्जा भरने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान थामने के लिए आगे आना चाहिए। हालांकि, राहुल ने हां कहने की बजाए यही कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, वे लेने को तैयार हैं।
कांग्रेस फरवरी तक नया अध्यक्ष चुनने की कोशिश में है। बैठक में पार्टी को मजबूत बनाने, संगठन के चुनाव, मौजूदा हालात, किसान आंदोलन समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बहरहाल, कोरोना काल में कई वर्चुअल बैठकों के बाद यह कांग्रेस की पहली बैठक थी, जिसमें लगभग 20 नेता शामिल हुए। इसमें उन नेताओं को भी बुलाया गया था, जिन्होंने 4 माह पहले सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। दरअसल कांग्रेस को अब पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में चुनाव मैदान में उतरना है, जबकि पार्टी के पास पूर्णकालिक अध्यक्ष भी नहीं है।
ये नेता हुए शामिल : बैठक में सोनिया, राहुल और प्रियंका के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गुलाम नबी आज़ाद, अंबिका सोनी, पी चिदंबरम, कमलनाथ, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा आदि शामिल हुए।
असंतुष्टों ने दिया चुनाव पर जोर
नयी दिल्ली (एजेंसी): कुछ महीने पहले व्यापक संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर पत्र लिखने वाले नेताओं ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव और पार्टी के भीतर नेताओं की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया। सूत्रों ने यह भी बताया कि पत्र लिखने वाले नेताओं के धड़े ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पर जोर दिया ताकि इसकी विश्वसनीयता बढ़ सके।