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Congress Action Mode : कांग्रेस ने हरियाणा के 7 नेताओं को 6 सालों के लिए किया निष्कासित, जानिए पूरा मामला

हरियाणा मामलों के प्रभारी से चर्चा के बाद प्रदेशाध्यक्ष ने उठाया बड़ाकदम, तरलोचन सिंह व रामनिवास राड़ा सहित 7 नेताओं को छह वर्षों के लिए निष्कासित
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चंडीगढ़, 20 फरवरी (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Congress Action Mode : हरियाणा के प्रमुख विपक्षी दल - कांग्रेस को सत्तारूढ़ भाजपा लगातार झटके दे रही है। प्रदेश में चल रहे शहरी स्थानीय निकाय - नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिका चुनावों के बीच कांग्रेस के कई नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। अब कांग्रेस ने ‘दिखावी एक्शन’ करते हुए सात नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया है। अहम बात यह है कि इस लिस्ट में उन नेताओं के नाम शामिल हैं, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम चुके हैं।

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इससे भी रोचक पहलू यह है कि इस लिस्ट में रादौर के पूर्व विधायक बिशन लाल सैनी का नाम ही नहीं है। बिशन लाल सैनी भी कांग्रेस छोड़कर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अगुवाई में भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। करनाल से दो मुख्यमंत्रियों पहले मनोहर लाल खट्टर और फिर नायब सिंह सैनी के खिलाफ कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके सरदार तरलोचन सिंह को छह वर्षों के लिए निष्कासित किया है। तरलोचन सिंह भाजपा ज्वाइन भी कर चुके हैं।

इसी तरह से करनाल के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक खुराना, पार्टी की नॉर्थ जोन की कमेटी के सदस्य प्रदीप चौधरी, यमुनानगर में यूथ कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रहीं मधु चौधरी, हिसार से रामनिवास राड़ा, पार्टी के एससी विभाग के प्रदेश महासचिव हरविंद्र ‘लवली’ तथा पीपीपी डेलीगेट रामकिशन सैन को छह वर्षों के लिए निष्कासित किया है। पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद से विचार-विमर्श करने के बाद प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान ने यह कार्रवाई की है।

हिसार से कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। राड़ा की गिनती पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के करीबियों में होती है। हालांकि इसमें उन नेताओं के नाम शामिल नहीं है, जो भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में विभिन्न वार्डों में अपना नामांकन-पत्र वापस ले चुके हैं। माना जा रहा है कि अब निकाय चुनावों के बाद ही हरियाणा मामलों के नये प्रभारी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक करेंगे ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।

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