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Mahakumbh 2025 : जमीन के ऊपर ही नहीं पानी के नीचे की भी रहेगी पूरी खबर, हाई-स्पीड ड्रोन से की जाएगी निगरानी

100 मीटर पानी के नीचे और जमीन से 120 मीटर ऊपर निगरानी करने में सक्षम ड्रोन की तैनाती होगी
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किशोर द्विवेदी/महाकुंभ नगर, 29 दिसंबर (भाषा)

Mahakunbh 2025 : उत्तर प्रदेश सरकार ने नए वर्ष की शुरुआत में आयोजित होने वाले प्रयागराज के महाकुंभ में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं जिसके तहत 100 मीटर पानी के नीचे और जमीन से 120 मीटर ऊपर निगरानी करने में सक्षम ड्रोन की तैनाती की जाएगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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अधिकारियों के मुताबिक, इस भव्य आयोजन में 45 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के शामिल होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने वाले ग्रह के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ के दौरान पहली बार संगम क्षेत्र में पानी के नीचे ड्रोन तैनात किए जाएंगे और ‘टेथर्ड ड्रोन' हवाई क्षेत्र से रक्षा करेंगे। इस साल अयोध्या में राम मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान जिस ड्रोन रोधी प्रणाली को पहली बार तैनात किया गया था, उसका इस्तेमाल महाकुंभ के दौरान भी किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले सप्‍ताह ने कहा था कि संगम स्नान के दौरान हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की गई है। पानी के नीचे नजर रखने वाले ये ड्रोन संभवत: चौबीसों घंटे निगरानी करेंगे और ये कम रोशनी में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 100 मीटर की गहराई पर काम करने की क्षमता वाले ये ड्रोन किसी भी परिस्थिति में सटीक जानकारी देने में सक्षम हैं।

पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी क्षेत्र, प्रयागराज) राजीव नारायण मिश्रा ने उच्च गति वाले एवं पानी के नीचे तैनात किए जाने ड्रोन को हाल में लॉन्च किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह अत्याधुनिक ड्रोन 100 मीटर तक गोता लगा सकता है और ‘एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र' (आईसीसीसी) को तुरंत रिपोर्ट भेज सकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसे असीमित दूरी से संचालित किया जा सकता है और यह जल के नीचे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या घटना के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है, जिससे तत्काल कार्रवाई की जा सकती है।''

इसके अलावा, पानी पर नजर रखने के लिए पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) , एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) कर्मियों के साथ 700 से अधिक नौकाएं भी तैनाती के लिए तैयार रहेंगी। सरकार ने कहा कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए रिमोट-नियंत्रित ‘लाइफबॉय' (सुरक्षा यंत्र) की बड़े पैमाने पर तैनाती की गई है। एक अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘ड्रोन रोधी प्रणाली हवाई क्षेत्र को लगातार स्कैन करने के लिए रडार का उपयोग करती है ताकि अज्ञात हवाई वस्तुओं का पता लगाया जा सके।''

उन्‍होंने कहा, ‘‘यदि संभावित खतरे का पता चलता है, तो उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले ‘ऑप्टिकल सेंसर' ड्रोन की प्रकृति और इरादे का आकलन करते हैं। ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी' को जाम करने जैसे प्रतिरोधी कदम इसके ‘नेविगेशन' को बाधित कर इसे निष्क्रिय कर सकते हैं।'' अधिकारी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हमलावर ड्रोन प्रतिबंधित सामान, हथियार या निगरानी उपकरण ले जाकर सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकते हैं।

एक अन्‍य अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, "हाई-डेफिनिशन कैमरों से लैस ये ड्रोन मेला क्षेत्र में आईसीसीसी को सीधी ‘फीड' (जानकारी) प्रदान करते हैं। इससे अधिकारियों को भीड़ के प्रवाह की निगरानी करने और आपात स्थितियों पर तेजी से प्रतिक्रिया करने में मदद मिलती है।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘उनकी निगरानी क्षमता मेला क्षेत्र से भी आगे रेलवे स्टेशनों, बस टर्मिनल और हवाईअड्डे जैसे अन्य महत्वपूर्ण स्थानों तक फैली हुई है, ताकि संभावित भीड़ का प्रबंधन किया जा सके।" उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर दिया है।

अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री चाहते हैं कि महाकुंभ आयोजन की पारंपरिक पहचान को कायम रखते हुए आधुनिक प्रणालियों को एकीकृत करके सुरक्षा और संरक्षा के लिए एक नया वैश्विक मानक स्थापित किया जाए।" ड्रोन के अलावा, एआई-सक्षम कैमरे भीड़ की आवाजाही का विश्लेषण करेंगे, भीड़भाड़ का अनुमान लगाएंगे और लोगों की संख्या की तत्काल गणना करने में सक्षम होंगे। चेहरे की पहचान करने वाली यह प्रौद्योगिकी सुरक्षा को और मजबूत करेगी।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एआई प्रणाली तकनीकी आंखों की तरह काम करती है, जिससे अधिकारियों को चुनौतियों से अग्रसक्रिय तरीके से निपटने में मदद मिलती है।'' अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, "उदाहरण के लिए, ‘टेथर्ड ड्रोन' न केवल अनधिकृत उड़ने वाली वस्तु के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे बल्कि ये सटीक अक्षांश और देशांतर के संदर्भ में इसके संचालक का स्थान भी बताएंगे।"

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