सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में पार्किंग विवाद को लेकर एक कर्नल और उनके बेटे पर पंजाब पुलिस के अधिकारियों के कथित हमले से जुड़े मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के खिलाफ दायर याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा, ‘आप अपने घर में चैन की नींद सो रहे हैं क्योंकि सेना सीमा पर तैनात है।’ कथित घटना 13 और 14 मार्च की दरमियानी रात को हुई जब कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनका बेटा पटियाला में सड़क किनारे एक ढाबे पर खाना खा रहे थे। जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ आरोपी पुलिस अधिकारियों द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा-‘जब युद्ध चल रहा है, तब आप इन सैन्य अधिकारियों का महिमामंडन करते हैं... सेना के लोगों के लिए कुछ सम्मान रखें। आप अपने घर में चैन की नींद सो रहे हैं क्योंकि सेना शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान पर भी सीमा पर तैनात है...।’’ पीठ ने कहा, ‘हम इस अपील को भारी जुर्माने के साथ खारिज करते हैं। इस तरह की अराजकता स्वीकार्य नहीं है। सीबीआई को इसकी जांच करने दीजिए...वे आपका बचाव करने जाते हैं, और राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे हुए वापस आते हैं।’ याचिकाकर्ता ने दलील दी कि चंडीगढ़ पुलिस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने में ‘विफल’ रही।
यह था मामला
कर्नल बाठ ने पंजाब पुलिस के 12 जवानों पर पार्किंग विवाद को लेकर उन पर और उनके बेटे पर हमला करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस के निरीक्षक रैंक के चार अधिकारियों और उनके हथियारबंद अधीनस्थों ने बिना किसी उकसावे के उन पर और उनके बेटे पर हमला किया, उनका पहचान पत्र और मोबाइल फोन छीन लिया और उन्हें ‘फर्जी मुठभेड़’ की धमकी दी।