मध्य प्रदेश और राजस्थान में 'Coldrif' खांसी की दवा पर प्रतिबंध, तमिलनाडु में सैंपल फेल
Ban on Coldrif: मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारों ने ‘Coldrif’ खांसी की दवा की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब इस दवा के सेवन से दोनों राज्यों में 14 बच्चों की मौत होने की आशंका जताई गई। जांच में पाया गया कि इस खांसी की दवा में 48.6 प्रतिशत डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) पाया गया है, जो अत्यंत जहरीला रासायनिक तत्व है।
तमिलनाडु खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (FDA) ने भी चेन्नई स्थित Sresan Pharma कंपनी से लिए गए सैंपल में मिलावट पाए जाने की पुष्टि की है। विभाग ने कंपनी को खांसी की दवा के उत्पादन पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु एफडीए ने कांचीपुरम स्थित Sresan Pharma के निर्माण इकाई से ‘Coldrif’ खांसी की दवा के नमूने लिए थे। इससे पहले केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा लिए गए छह नमूने डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) से मुक्त पाए गए थे। हालांकि, मध्य प्रदेश के 13 नमूनों में से तीन नमूने जांच में DEG की अनुमेय सीमा से अधिक मात्रा में पाए गए, जिसकी रिपोर्ट 3 अक्टूबर को जारी हुई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV), ICMR, NEERI, CDSCO और AIIMS नागपुर के विशेषज्ञों की टीम बच्चों की मौत के कारणों की वैज्ञानिक जांच में जुटी है।
इसी बीच, CDSCO ने देश के छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में दवा निर्माण इकाइयों की जोखिम आधारित जांच शुरू कर दी है। इस जांच का उद्देश्य दवा गुणवत्ता में खामियों की पहचान कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना है।
उधर, केरल सरकार ने भी ‘Coldrif’ खांसी की दवा की बिक्री पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि अन्य राज्यों से बैच में गड़बड़ी की रिपोर्ट मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है।