Mahakumbh 2025 : सीएम योगी ने कहा- महाकुंभ भगदड़ और सड़क हादसों में जान गंवाने श्रद्धालुओं के परिजनों साथ खड़ी है सरकार
लखनऊ, 19 फरवरी (भाषा)
Mahakumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि महाकुंभ भगदड़ और प्रयागराज यात्रा के दौरान सड़क हादसों में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद करेगी। योगी ने विपक्षी दलों के सदस्यों के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि आज के समाजवादियों के बारे में मान्यता है कि जिस थाली में वे खाते हैं, उसी में वे छेद करते हैं।
श्रद्धालुओं के परिजनों को नहीं मिला न्याय
विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को शून्य काल में विपक्षी दल सपा के सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में नियम -56 के तहत महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा कराने की मांग की। विषय रखते हुए सपा सदस्य डॉक्टर आर के वर्मा ने आरोप लगाया कि महाकुंभ में भगदड़ में बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं की जान गई लेकिन सरकार ने सिर्फ 30 लोगों की मौत होने का आंकड़ा जारी किया जो बाकी दिवंगत श्रद्धालुओं के परिजनों के साथ न्याय नहीं है।
इसपर राजनीति करना सही नहीं : सीएम योगी
सदन के नेता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी सदस्यों को जवाब देते हुए कहा, ''29 जनवरी के भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं और प्रयागराज कुंभ में महास्नान में आने और वापिस जाने के दौरान सोनभद्र, अलीगढ़ या अन्य जगहों पर जो श्रद्धालु सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं, उन्हें वह श्रद्धांजलि देते है। हमारी संवेदना शोसंतप्त परिजनों के प्रति है। सरकार उनके साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी। प्रश्न यह है कि इस पर राजनीति करना कितना उचित है। जब हम चर्चा में भाग ले रहे हैं, तब 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगा चुके हैं।''
महाकुंभ सरकार नहीं, समाज का आयोजन : सीएम योगी
उन्होंने विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा कि जब वे सनातन धर्म, मां गंगा, भारत की आस्था, महाकुंभ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप और झूठा वीडियो दिखाते हैं तो यह 56 करोड़ लोगों के साथ ही भारत की सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ होता है। यह किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं बल्कि समाज का आयोजन है तथा सरकार सहयोग तथा उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में है। सेवक के रूप में उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी है।
सीएम योगी ने किया विपक्ष पर कटाक्ष
एक शेर के माध्यम से मुख्यमंत्री ने कटाक्ष किया,‘‘बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं। जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं।''
योगी ने कहा, "हम तत्परता के साथ ऐसा करेंगे, क्योंकि हमें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है। हमारे मन में भारत की सनातन परंपराओं के प्रति श्रद्धा का भाव है।'' उन्होंने कहा कि सौभाग्य है कि सदी के महाकुंभ के साथ सरकार को जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। उनका कहना था कि तमाम दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए देश-दुनिया ने इस आयोजन के साथ सहभागी बनकर इसे सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने अपनी बोली हुई शायरी को लेकर नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसा और कहा कि यह उर्दू नहीं, हिंदी है।
'हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी संस्कार'
योगी ने आरोप लगाया कि जब प्रदेश की स्थानीय बोलियों को सदन में महत्व मिला तो उन्होंने विरोध किया क्योंकि हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी संस्कार है। उन्होंने कहा, "हिंदी इस सदन की भाषा है। हिंदी को तो हटाया नहीं गया बल्कि सदस्यों को छूट दी गई है कि वे इन बोलियों में बोल सकते हैं। यह थोपा नहीं गया बल्कि सुविधा है। भोजपुरी, ब्रज, अवधी एवं बुंदेलखंडी की लिपि भी देवनागरी है।''
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को संबोधित करते हुए कहा, "आपके विरोध का मैं उपहास नहीं उड़ाता, क्योंकि आपकी आदत मुझे मालूम है।'' उन्होंने विपक्ष पर महाकुंभ के आयोजन को लेकर निरंतर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए उसके बयानों को सदन में पढ़कर सुनाया और उसे कठघरे में खड़ा किया। विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए उन्होंने साफ कहा कि यह आयोजन सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का गौरव है एवं इसे भव्य रूप से मनाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।