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CM योगी बोले- भले ही नाम और परिस्थितियां बदली हैं, लेकिन नकारात्मक पात्र आज भी मौजूद 

जात-पात और छुआछूत के आधार पर समाज को बांटने का प्रयास

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयादशमी के अवसर पर कहा कि रामायण एवं महाभारत काल के बाद से नाम और परिस्थितियां बदली हैं, लेकिन नकारात्मक पात्र आधुनिक समाज में अब भी मौजूद हैं। स्थिति और पात्र रामायण एवं महाभारत काल जैसे हैं। ताड़का और शूर्पनखा अब भी मौजूद हैं। ये ताकतें समाज को प्रभावित कर रही हैं। हमें इनसे सतर्क रहना होगा।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से उन लोगों से चेताया जो जात-पात और छुआछूत के आधार पर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इन लोगों को पूर्व जन्म का ताड़का, मारीच और शूर्पनखा बताया जिन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ तब भी काम किया और अब भी कर रहे हैं। जो लोग आज हमारी बेटियों के लिए खतरा हैं, वे जरूर पूर्व जन्म में दुर्योधन या दुशासन के साथ रहे होंगे। सनातन धर्म महज पूजा पद्धति नहीं है, बल्कि सभी जीव-जंतुओं और पूरे ब्रह्मांड के कल्याण की गारंटी है।
उन्होंने उन लोगों की आलोचना की जो भारत के वैभव को लेकर गर्व नहीं करते और सत्ता में रहने के दौरान भगवान राम एवं कृष्ण के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े किए तथा सनातन धर्म को बांटने का प्रयास किया। भारत की जनता पिछले 11 वर्षों में जाग गई है। देश अब विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है जहां विरासत और प्रगति का संगम हो रहा है तथा यह राम राज्य की याद ताजा कराता है।
मुख्यमंत्री ने विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर कहा कि आज दुनिया में किसी अन्य संगठन के पास ऐसा शानदार स्वरूप नहीं है। आरएसएस का निर्माण राजनीतिक ताकत पर नहीं हुआ, बल्कि स्वयंसेवकों के कठिन परिश्रम, बुद्धिमत्ता और निस्वार्थ समर्पण से हुआ।
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