CM Mamata Banerjee ने महाकुंभ को बताया ‘मृत्यु कुंभ', कहा- यूपी सरकार ने छिपाई मृतकों की वास्तविक संख्या
कोलकाता, 18 फरवरी (भाषा)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हाल में हुई भगदड़ की घटनाओं के मद्देनजर महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ' बन गया है। उन्होंने दावा किया कि इस महाकुंभ में मरने वालों की वास्तविक संख्या को छिपाया गया है। पिछले महीने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और 60 घायल हो गए। वहीं हाल में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई।
उन्होंने मृतकों की संख्या कम दिखाने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया। भाजपा के शासन में आयोजित महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ' बन गया है। बनर्जी ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को ‘‘अत्यंत हृदयविदारक'' बताया और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े धार्मिक समारोहों में बेहतर योजना एवं प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया। ऐसी घटनाओं में लोगों की दुखद मृत्यु सावधानीपूर्वक योजना बनाने के महत्व को उजागर करती है, खासकर जब बात नागरिकों की सुरक्षा की हो।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उसने ‘‘उचित व्यवस्था किए बिना'' महाकुंभ को लेकर इतना प्रचार किया। महाकुंभ (में भगदड़ की घटना) में इतने सारे लोग मारे गए, लेकिन वे सही संख्या में मौतों का खुलासा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस आयोजन को लेकर इतना शोर मचाया, फिर भी आयोजन स्थल पर उचित व्यवस्था नहीं की गई। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने भगदड़ में मारे गए पश्चिम बंगाल के निवासियों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि उनके शवों को उचित दस्तावेज के बिना वापस भेज दिया गया, जिससे परिवारों के लिए मुआवजा प्राप्त करना मुश्किल हो गया।
उन्होंने कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने के लिए पोस्टमार्टम करवाया कि उनके परिवारों को मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाए। सीएम ने महाकुंभ में ‘‘वीआईपी संस्कृति'' की भी आलोचना की। आम लोगों को असुविधा ना हो इसलिए मैंने डुबकी से परहेज किया, लेकिन इस कार्यक्रम में वीआईपी लोगों को विशेष सुविधाएं दी गईं। बनर्जी ने यह भी कहा कि भगदड़ की घटना के बावजूद यूपी सरकार ने कोई जांच समिति गठित नहीं की, जबकि पश्चिम बंगाल में ऐसी त्रासदियों के बाद जांच समितियां गठित की जाती हैं।