जम्मू, 28 जुलाई (हप्र/ एजेंसी)
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बादल फटने की घटनाओं ने जबरदस्त तबाही मचाई। सबसे ज्यादा तबाही जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के होंजर दचान गांव में हुई। यहां बुधवार तड़के करीब साढ़े 4 बजे बादल फटने से कई मकान जमींदोज हो गये। पुलिस के अनुसार, लापता हुए करीब 40 लोगों में से 7 के शव मिल चुके हैं। बचाव दल ने 17 घायलों को बचा लिया है। करीब 14 अन्य लोगों की तलाश जारी है। घायलों में से 5 की हालत नाजुक बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जिले के मैचर, पद्दार और बंजवाह में भी बाढ़ आई है।
उधर, दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास दोपहर बाद बादल फटने की घटना हुई। पहाड़ों से पत्थर टूट कर गिरने लगे। इसके कारण कुछ टेंट क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों के मुताबिक इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
लद्दाख के कारगिल जिले में भी 2 गांवों में बादल फटे। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कारगिल से लगभग 60 किलोमीटर दूर खंगराल गांव और सांकू डिवीजन से करीब 40 किलोमीटर दूर सांगरा गांव में बादल फटा। यहां किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है। हालांकि, अचानक आई बाढ़ ने लघु पनबिजली परियोजना सहित संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचाया। उधर, उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के अलोसा अष्टांगू क्षेत्र के ऊपरी इलाके में भी बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। एक पुल बह गया है। क्षेत्र में फसलें पूरी तरह तबाह हो गयी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना से उत्पन्न स्थिति पर केंद्र सरकार नजर रख रही है और प्रभावित क्षेत्रों में हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह से बात की और स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की।
इस बीच, मौसम विज्ञान विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि 30 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में रुक-रुककर भारी बारिश जारी रहेगी। प्रवक्ता ने कहा, ‘कुछ इलाकों में भारी से अति भारी बारिश का अनुमान है, जिससे अचानक बाढ़ आने, मिट्टी धंसने, भूस्खलन होने और निचले इलाकों में जलजमाव की आशंका है।’
हिमाचल में कुदरत का कहर, 11 की मौत
शिमला (निस) : हिमाचल प्रदेश में आसमानी आफत ने 11 लोगों की जान ले ली जबकि करीब 6 लापता हैं। बादल फटने की घटनाओं से प्रदेश में जबरदस्त तबाही हुई। सरकारी व निजी सम्पत्ति को भी भारी नुकसान हुआ। 387 सड़कें भूस्खलन और जमीन धंसने के कारण बंद हो गई हैं। लाहौल के तोजिंग नाला में विगत रात बह गए 10 लोगों में से 7 के शव मिल गए हैं। उदयपुर-केलांग संपर्क मार्ग कई जगह रुक गया है, मनाली-लेह मार्ग भी अवरुद्ध है। काजा-ग्राम्फू मार्ग भी बादल फटा जिसके चलते कई वाहन बातल व छैतडू में फंस गए। उधर, कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी में आज सुबह आई बाढ़ में 4 लोग बह गए। शिमला के कुसुम्पटी क्षेत्र में बाईपास सड़क पर भूस्खलन हुआ है।