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Cloud Burst in Kishtwar : बचाव कार्य में जुटी सेना, 300 जवानों को किया तैनात; आपदा में अब तक 46 लोगों की मौत

राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंचा दिए गए
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पीटीआई फोटो।
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Cloud Burst in Kishtwar : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव में राहत और बचाव अभियान में सेना मदद कर रही है। इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 160 से अधिक लोगों को बचाया गया है।

जम्मू में तैनात सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि किश्तवाड़ के चशोती गांव में बादल फटने के बाद व्हाइट नाइट कोर के सैनिक राहत और बचाव कार्यों में के लिए तेजी से मोर्चा संभाला। पहली कोशिश लोगों की जान बचाना और जीवित बचे लोगों की सहायता करना एवं लापता लोगों की तलाश करना है। सेना ने कहा कि राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंचा दिए गए हैं।

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जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि 60-60 कर्मियों वाली पांच टुकड़ियां यानी कुल 300 सैनिक, तथा व्हाइट नाइट कोर की चिकित्सा टुकड़ियां अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों को बचाने के लिए काम कर रही हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है और प्रभावित परिवारों को चिकित्सा सहायता और सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

बता दें कि, मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। साढ़े 9 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक वाहन से पहुंच सकते हैं। उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।

चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर (सामुदायिक रसोईघर) इस घटना से सबसे अधिक प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई। दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं।

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