मुंबई, 23 अक्तूबर (एजेंसी)
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने शनिवार को कहा कि न्याय तक पहुंच में सुधार लाने के लिए न्यायिक बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण है लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि देश में इसमें सुधार और इसका रखरखाव अस्थायी और अनियोजित तरीके से किया जा रहा है। प्रभावी न्यायपालिका के अर्थव्यवस्था में मददगार होने का उल्लेख करते हुए सीजेआई ने कहा कि विधि द्वारा शासित किसी भी समाज के लिए न्यायालय बेहद आवश्यक हैं। सीजेआई रमण बंबई हाईकाेर्ट की औरंगाबाद पीठ के उपभवन की दो शाखाओं के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज की सफलता के कारण हमें मौजूदा मुद्दों के प्रति आंखें नहीं मूंदनी चाहिए। हम कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं जैसे कि कई अदालतों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। कई अदालतें जर्जर इमारतों में काम कर रही हैं। न्याय तक पहुंच में सुधार लाने के लिए न्यायिक बुनियादी ढांचा जरूरी है। न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार और उसका रखरखाव अस्थायी और अनियोजित तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शनिवार को औरंगाबाद में जिस इमारत का उद्घाटन किया गया उसकी परिकल्पना 2011 में की गयी थी। इस योजना को लागू करने में 10 साल का समय लग गया, यह बड़ी चिंता की बात है। एक प्रभावी न्यायपालिका अर्थव्यवस्था की वृद्धि में मदद कर सकती है।