स्लम फ्री हुआ ‘सिटी ब्यूटीफुल’
शहर की 36 साल पुरानी शाहपुर कॉलोनी पर चला पीला पंजा, 300 से अधिक झुग्गियों को तोड़ा
सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ मंगलवार को स्लम फ्री हो गया। शहर की करीब 36 साल पुरानी सेक्टर-38 वेस्ट की शाहपुर कॉलोनी में सुबह प्रशासन का पीला पंजा चला। शहर की अाखिरी काॅलोनी में प्रशासन के एस्टेट आफिस के अतिक्रमण हटाओ दस्ता ने 300 से अधिक झुग्गियों को तोड़ डाला। हालांकि, जिन 4 लोगों को कोर्ट से स्टे मिला हुआ है, उनके घरों को नहीं तोड़ा गया। उन पर पहले से ही क्रॉस का निशान लगा दिया गया था, ताकि बुलडोजर चलाने वालों को पता चल सके कि ये घर नहीं तोड़ने हैं।
सरकारी भूमि से सभी अवैध कॉलोनियों को हटाते हुए तथा बड़े पैमाने पर पुनर्वास योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करते हुए शहर ने स्लम उन्मूलन की अपनी लंबे समय से चली आ रही पहल के अंतिम चरण को पूरा कर लिया है। वर्षों से प्रशासन ने अब तक कुल 18 स्लम कॉलोनियों को सफलतापूर्वक हटाया है और लगभग 520 एकड़ सरकारी भूमि को पुन: प्राप्त किया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 21,000 करोड़ रुपये है।
पात्र परिवारों को किया गया पुनर्वासित : लगभग 4-4.5 एकड़ क्षेत्र में फैली और लगभग 250 करोड़ रुपये मूल्य की इस कॉलोनी में लगभग 1,000 लोग रह रहे थे। तोड़े जाने से पहले सभी निवासियों की जांच चंडीगढ़ स्मॉल फ्लैट्स स्कीम, 2006 के अंतर्गत की गई। पात्र परिवारों को इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1, धनास, मौली जागरां, राम दरबार और सेक्टर-49 सहित विभिन्न स्थलों पर ईडब्ल्यूएस फ्लैट आवंटित कर पुनर्वासित किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई के दौरान एसएसपी की ओर से 4 डीएसपी, महिला कॉन्स्टेबल और 200 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात करने के निर्देश दिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग को 4 एम्बुलेंस मौके पर तैनात करने का आदेश दिया था।
भारी पुलिस बल था तैनात
मंगलवार सुबह भारी मात्रा में पुलिसबल के साथ प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और कॉलोनी में बने घरों को बुलडोजर से तोड़ डाला। सुबह साढ़े 8 बजे तक ज्यादातर घर रेत, ईंट और पत्थर के ढेर में तब्दील हो गए थे। सुबह से ही जेसीबी मशीनों से मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया गया। डेमोलिशन ड्राइव के दौरान प्रशासनिक अमले और कॉलोनी वासियों के बीच कोई झड़प या कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मंगलवार को अभियान शुरू करने से पहले बिजली काटी गयी। पूरी कार्रवाई में डीसी ऑफिस, एसडीएम, नगर निगम और इंजीनियरिंग विभाग के अफसर मौजूद रहे। डीसी ने खाली करवाई गई जमीन के अलावा शहर की खाली पड़ी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण न हो, इसके लिए 12 अधिकारियों के नेतृत्व में टीमों का गठन किया। इन अधिकारियों को अपने एरिया के अतिक्रमण को लेकर हर 15 दिन में शपथ पत्र देना होगा ऐसे में अब अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते हैं।
कुल 50 एकड़ से अधिक की भूमि को विकसित करने की तैयारी
अब खाली करवाई गई इन जमीनों पर प्रशासक ने प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग करने के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को इनका फायदा मिल सके। इस समय प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत खाली कराई गई 50 एकड़ से अधिक की प्रमुख भूमि को विकसित करने की पूरी तैयारी की है । इस भूमि पर नया रेलवे जंक्शन, 1700 फ्लैटों की आवास योजना, साइकिल ट्रैक, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र के अलावा अन्य सुविधाओं की योजना बनाई जा रही है।