हरीश लखेड़ा/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 15 सितंबर
लद्दाख में तनाव के मद्देनजर भारत ने संसद से चीन को कड़ा संदेश दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि सीमा पर भारतीय जवान पूरी सतर्कता के साथ तैयार हैं। हमारे जवानों का जोश हाई है और हम हर हालात से निपटने को तैयार हैं। उन्होंने चीन को बातचीत का प्रस्ताव देने के साथ ही चेताया कि यदि सीमा पर कोई हरकत हुई तो हमारे जवान करारा जवाब देंगे। उन्होंने सदन से भी आग्रह किया कि इस मसले पर ऐसा प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए, जिससे हमारेे जवानों को संदेश दिया जाए कि पूरा सदन उनके साथ खड़ा है।
चीन के साथ तनाव पर विपक्ष लगातार सरकार से बयान की मांग कर रहा था। इस पर ब्योरा देते हुए राजनाथ ने कहा कि लद्दाख में हम एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने गलवान घाटी और पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन की सभी हरकतों का विस्तार से उल्लेख कर कहा कि 1993 एवं 1996 के समझौतों का चीन ने पालन नहीं किया। इसलिए सीमा पर झड़प हुई। उन्होंने कहा कि अभी की स्थिति के अनुसार चीनी पक्ष ने एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला-बारूद एकत्रित किया है। पूर्वी लद्दाख, गोगरा, कोंगका ला और पैंगोंग झील के उत्तरी तथा दक्षिणी किनारे पर तनाव वाले कई इलाके हैं। चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारी सेना ने भी इन क्षेत्रों में पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि संवेदनशील ऑपरेशनल मुद्दों के चलते इस बारे में वह ज्यादा खुलासा नहीं करना चाहेंगे।
राजनाथ ने कहा कि एलएसी को लेकर भारत और चीन की धारणा अलग-अलग है। भारत का मानना है कि द्विपक्षीय संबंधों को विकसित किया जा सकता है। साथ ही सीमा मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चीन ने हमारी 38 हजार वर्ग किमी भूमि पर अवैध कब्जा लद्दाख में कर रखा है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे लगभग 90 हजार वर्ग किमी की भूमि को भी चीन अपना बताता है।
कूटनीतिक, सैन्य वार्ता जारी
रक्षा मंत्री ने चीन से दो टूक कहा कि एलएसी पर किसी भी हरकत का द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमने चीन को राजनयिक तरीके से बता दिया है कि सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश का करारा जवाब दिया जाएगा। राजनाथ ने यह भी कहा कि हम मौजूदा स्थिति का बातचीत के जरिये समाधान चाहते हैं। हमने चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक और सैन्य बातचीत जारी रखी है। उन्होंने कहा, अभी चीन ने माना है कि बातचीत के जरिये ही शांति हो सकती है। राजनाथ ने चीनी रक्षा मंत्री से रूस में अपनी मुलाकात तथा एस जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बैठक का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से कहा कि अगर चीन पूरी तरह से समझौता माने तो विवादित इलाके से सेना को हटाया जा सकता है।
कांग्रेस का वॉकआउट
रक्षा मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने कुछ प्रश्नों के जवाब की मांग की। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में सहमति बनी है कि जब किसी लोक महत्व के विषय पर मंत्री द्वारा बयान दिया जाएगा, तो उस पर कोई प्रश्न नहीं पूछा जाएगा। प्रश्नों के जवाब नहीं दिये जाने पर विरोध जताते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाॅकआउट किया। सूत्रों के अनुसार चीन मामले पर संसद में चर्चा कराने की विपक्ष की मांग भी सरकार ने खारिज कर दी है।