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हरियाणा के सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलेगी मेडिकल की कोचिंग

पांच से सात गांवों का बनेगा क्लस्टर, 40 बच्चों का होगा एक बैच
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सरकार उठाएगी खर्चा, प्राइवेट शिक्षक भी किए जाएंगे हॉयर

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

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चंडीगढ़, 3 दिसंबर

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब और मेधावी विद्यार्थियों के लिये अच्छी खबर है। डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहे छात्रों को मेडिकल कोचिंग के लिए निजी संसाधनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। प्रदेश सरकार उन छात्रों के लिए नि:शुल्क मेडिकल कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराएगी, ताकि वे नीट और अन्य मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में सफलता हासिल कर सकें। इस संबंध में शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे 10वीं और 12वीं के मेडिकल स्ट्रीम के छात्रों को ध्यान में रखते हुए इस योजना का पूरा खाका तैयार करें। यह कोचिंग नीट और अन्य मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए होगी, ताकि गरीब परिवारों के बच्चे अपने सपनों को पूरा कर सकें।

प्रस्तावित योजना के तहत पांच से सात गांवों का एक क्लस्टर बनाया जाएगा। सरकारी स्कूलों में शाम के समय छात्रों को कोचिंग दी जाएगी। प्रत्येक बैच में कम से कम 40 विद्यार्थी होंगे। यह कदम उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो सकता है जो निजी कोचिंग सेंटर की महंगी फीस वहन नहीं कर सकते।

‘सुपर-100’ से अलग होगी योजना

राज्य में पहले से ‘सुपर-100’ कार्यक्रम के तहत प्रतिभाशाली छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है, जिसमें चयनित छात्रों को ट्यूशन, रहन-सहन और अन्य सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं। नयी योजना इसके समानांतर होगी, लेकिन इसमें किसी लिखित परीक्षा की आवश्यकता नहीं होगी।

पायलट प्रोजेक्ट से होगा शुरुआत

योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले एक जिले में लागू किया जाएगा और सफलता के बाद इसे पूरे राज्य में विस्तार दिया जाएगा। सरकारी स्कूलों के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को कोचिंग देने की जिम्मेदारी दी जाएगी। आवश्यकता पड़ी, तो प्राइवेट कोचिंग संस्थानों के विशेषज्ञ शिक्षकों को भी नियुक्त किया जाएगा।

"शिक्षा विभाग प्रदेशभर में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले होनहार विद्यार्थियों के लिए कोचिंग का प्रबंध करेगा। राज्य के पास इसका पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर है और जरूरत पड़ने पर प्राइवेट शिक्षकों की सेवाएं भी ली जाएंगी। राज्य सरकार छात्रों को उनके लक्ष्य तक पहुंचाने में किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेगी।" - महीपाल सिंह ढांडा, शिक्षा मंत्री

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