नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वे कोविड-19 समर्पित अस्पतालों में आग से सुरक्षा की जांच करें, ताकि देश में अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं को रोका जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 समर्पित अस्पतालों को 4 सप्ताह के अंदर अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र का नवीकरण कराने का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा ना करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस अशोक भूषण के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा कि जिन अस्पतालों के अग्नि अनापत्ति प्रमाण-पत्र की समय सीमा खत्म हो चुकी है, उन्हें 4 सप्ताह के अंदर इसे हासिल करना होगा। जस्टिस आरएस रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह भी इस पीठ में शामिल थे। पीठ ने कहा कि राजनीतिक रैलियों और कोविड-19 से जुड़े निर्देशों के पालन के मुद्दे को निर्वाचन आयोग देखेगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के राजकोट के एक कोविड-19 अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद संज्ञान लिया था। इस घटना में कई मरीजों की मौत हो गई थी। अदालत ने कहा कि जिन अस्पतालों ने अब तक अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया है, वे जल्द से जल्द इसे हासिल करें। न्यायालय ने कहा कि राजकोट और अहमदाबाद के अस्पताल में आग लगने की जो घटना हुई, वह कहीं और न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राज्य इस संबंध में नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए बाध्य है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे चार सप्ताह के भीतर अनुपालन का हलफनामा दाखिल करें।