Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

किशोरों के लिए 'डिजिटल दोस्त' बना ChatGPT, असल दुनिया से हो रहे Disconnect

ChatGPT: शिक्षकों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों में गंभीर चिंता जताई
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
iStock
Advertisement

ChatGPT: आजकल के किशोर अपनी परेशानियां और मन की बातें ChatGPT जैसे कृत्रिम मेधा (AI) Chatbots से साझा कर रहे हैं जिसे लेकर शिक्षकों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों में गंभीर चिंता व्यक्त की है।

विशेषज्ञों का कहना है कि किशोर इसे एक 'सुरक्षित जगह' मान रहे हैं, लेकिन यह असल में एक खतरनाक आदत बन रही है। इससे बच्चों में हर बात पर दूसरों की तारीफ पाने की चाहत बढ़ रही है और वे असली जीवन में बातचीत करना भूल रहे हैं।

Advertisement

यह डिजिटल मदद सिर्फ एक धोखा है, क्योंकि ये Chatbots सिर्फ वही कहते हैं जो आप सुनना चाहते हैं। इससे बच्चों में गलत सोच विकसित हो सकती है और वे दूसरों से घुलना-मिलना नहीं सीख पाते।

एक स्कूल की प्रधानाचार्य सुधा आचार्य ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, "स्कूल एक ऐसी जगह है जहां किशोर आपस में मिलते हैं, बात करते हैं और सामाजिक और भावनात्मक चीज़ें सीखते हैं।"

उन्होंने कहा, "आजकल बच्चों में एक आदत बन गई है... उन्हें लगता है कि जब वे अपने फोन के साथ बैठे होते हैं, तो वे पूरी तरह से अकेले और सुरक्षित होते हैं। लेकिन सच यह है कि ChatGPT जैसे Chatbots एक बड़े सिस्टम से संचालित होते हैं, और जो भी बात उनसे की जाती है, वह पूरी तरह से निजी नहीं होती – वह जानकारी बाहर भी जा सकती है।"

मनोचिकित्सक डॉ. लोकेश सिंह शेखावत ने भी बताया कि AI Chatbots जानबूझकर ऐसा बनाया गया है कि वह आपसे खूब बातें करे। जब कोई बच्चा AI को अपनी कोई गलत सोच बताता है, तो AI उसे सही ठहराता है। बार-बार ऐसा होने पर बच्चा उस गलत सोच को ही सच मान लेता है।

Advertisement
×