Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

आप और केजरीवाल के खिलाफ आरोपपत्र दायर

ईडी ने पहली बार किसी सीएम और राजनीतिक दल को बनाया अभियुक्त
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नयी दिल्ली, 17 मई (एजेंसी)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें आम आदमी पार्टी (आप) को भी बतौर आरोपी नामजद किया गया है। यह पहली बार है जब पदस्थ मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी को धनशोधन के मामले में नामजद किया गया है।

Advertisement

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यहां एक विशेष अदालत के समक्ष एक विस्तृत अभियोजन शिकायत दाखिल की गई। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा आने वाले दिनों में 200 पृष्ठों के आरोप पत्र पर संज्ञान ले सकती हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आरोपी के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोप तय करने का अनुरोध किया। सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत हैसियत के साथ-साथ उनके राजनीतिक संगठन ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर भी आरोपी बनाया गया है। संघीय एजेंसी ने आप के राष्ट्रीय संयोजक 55 वर्षीय केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया था और इस समय वह अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। इस मामले में ईडी द्वारा दाखिल यह आठवां आरोप पत्र है और वह अबतक 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एजेंसी ने इस मामले में 38 कंपनियों को भी आरोपी बनाया है और 243 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने पहले दावा किया था कि एक राजनीतिक दल होने के नाते ‘आप’ को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भारत के नागरिकों के एक संघ या निकाय के रूप में परिभाषित किया गया है, और इसलिए इसे पीएमएलए की धारा 70 के तहत ‘कंपनी’ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। चूंकि अपराध के समय अरविंद केजरीवाल उक्त कंपनी यानी ‘आप’ के प्रभारी थे, इसलिए उन्हें और उनकी पार्टी को उल्लिखित अपराधों का ‘दोषी माना जाएगा’ और मुकदमा चलाकर दंडित किया जा सकता है।

गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, लेकिन उन्हें नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का रुख करने की छूट दे दी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सिंघवी, केजरीवाल की ओर से, जबकि राजू ईडी की ओर से न्यायालय में पेश हुए।

Advertisement
×