नयी दिल्ली, 2 नवंबर (एजेंसी)
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने संवेदनशील पनडुब्बी रेट्रो-फिटिंग (उत्पादन के बाद पुर्जा जोड़ने की) परियोजना को संभाल रहे नौसेना के अधिकारियों की गिरफ्तारी से संबंधित मामले में मंगलवार को अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया। अधिकारियों को आर्थिक लाभ के बदले गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई द्वारा राउज एवेन्यू अदालत में विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में 2 सेवारत नौसेना कमांडरों सहित 6 लोगों के नाम हैं। इनमें से एक का नाम अजीत कुमार पांडेय, कमोडोर रैंक का एक सेवानिवृत्त अधिकारी रणदीप सिंह, कमांडर रैंक का एक अन्य सेवानिवृत्त अधिकारी एस जे सिंह, जो एक कोरियाई सबमरीन कंपनी के लिए कार्यरत था, एक निजी कंपनी का निदेशक और एक कथित हवाला ऑपरेटर शामिल है। सीबीआई ने 2 सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया था और छापेमारी के दौरान उनमें से एक के आवास से 2 करोड़ रुपये बरामद किए थे।
नौसेना ने एक बयान में कहा, ‘कुछ अनधिकृत कर्मियों द्वारा प्रशासनिक और वाणिज्यिक प्रकृति की कथित सूचना लीक से संबंधित जांच में सामने आयी है। उपर्युक्त सरकारी एजेंसी द्वारा इसकी जांच की जा रही है।’
2 रिटायर्ड अधिकारियों की हुई थी गिरफ्तारी
एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आपराधिक साजिश के आरोप में 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि सेवारत नौसैनिक अधिकारी कथित तौर पर आर्थिक लाभ के बदले सेवानिवृत्त अधिकारियों को गोपनीय जानकारी लीक कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलने के बाद सीबीआई ने सितंबर में छापेमारी की थी जिसमें दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।