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Chardham Yatra 2025 : ठंड और तूफान से बेखौफ आस्था... बाधाओं के बावजूद 51 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

इस साल 51 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने की चारधाम की यात्रा

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Chardham Yatra 2025 : प्राकृतिक आपदाओं के कारण बार-बार बाधित रहने के बावजूद इस साल ऊपरी गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारधामों की यात्रा के लिए 51 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को बंद हो गए और इसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा संपन्न हो गई। कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ में ठंड के बावजूद 7,253 तीर्थयात्री मौजूद थे। इस साल कुल मिलाकर 16.60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बदरीनाथ की यात्रा की।

तीन अन्य धामों गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट पिछले माह बंद हो गए थे। इस वर्ष मानसून में अत्यधिक बारिश, बादल फटने, बाढ़ आने तथा भूस्खलन जैसी आपदाओं के कारण यात्रा में बार-बार व्यवधान पड़ा लेकिन इसके बावजूद कुल 51,06,346 श्रद्धालु धामों के दर्शन के लिए पहुंचे। इसमें हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने जाने वाले 2.74 लाख तीर्थयात्री भी शामिल हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष के मुकाबले यह संख्या 3,02,131 अधिक रही। उस साल 48,04,215 तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर आए थे।

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इस वर्ष 30 अप्रैल को उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरूआत हुई थी। इसके बाद दो मई को रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम और चार मई को चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के कपाट खुले थे। केदारनाथ में इस साल सर्वाधिक 17.68 लाख श्रद्धालु पहुंचे जबकि गंगोत्री में 7.58 लाख और यमुनोत्री में 6.44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। अधिकारियों ने कहा कि राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा चारधाम यात्रा को सुगम, सुविधाजनक और सुरक्षित बनाए जाने तथा मानसून सीजन में यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के कारण ही चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।

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कपाट बंद होने के बाद अब अगले छह माह तक धामों में स्थापित देवताओं के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास स्थलों में होंगे। बदरीविशाल की पूजा अब ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर में होगी जबकि बाबा केदार की पूजा नाथ की शीतकालीन पूजा ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर, गंगोत्री मंदिर की अधिष्ठात्री देवी मां गंगा की पूजा मुखबा और यमुनोत्री की पूजा खरसाली में होगी। चारधामों के कपाट बंद होने के बाद अब राज्य में शीतकालीन यात्रा की तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

मुख्यमंत्री के अनुरोध पर शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरकाशी के मुखबा पहुंचकर मां गंगा की पूजा की थी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शीतकालीन यात्रा व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं तथा कहा है कि चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों और आसपास के सभी प्रमुख पर्यटक स्थलों में ठहरने, आवागमन और सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाए । उन्होंने शीतकालीन यात्रा के व्यापक प्रचार-प्रसार करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं ताकि वर्ष भर तीर्थाटन की गतिविधियां चलती रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग और पड़ावों में सभी जरूरी सुविधाएं, बेहतर सड़कें, यातायात व्यवस्था और संचार सुविधा पर विशेष फोकस किया गया और सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य होने के बाद यात्री सुविधाएं बढ़ी हैं। पैदल यात्रा मार्ग को बेहतर बनाया गया है। बदरीनाथ धाम का भी मास्टर प्लान के अनुसार विकास किया जा रहा है। अब शीतकालीन यात्रा की तैयारियों में भी यात्री सुविधाओं और सुरक्षा पर विशेष फोकस किया जा रहा है।

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