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Chardham Helicopter Service: उत्तराखंड में चारधामों के लिए हेली सेवा कल तक के लिए बंद

देहरादून, 15 जून (भाषा) Chardham Helicopter Service: उत्तराखंड में रविवार को केदारनाथ के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे के बाद चारधामों के लिए हेली सेवा को दो दिन यानी सोमवार तक के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया। यहां...
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देहरादून, 15 जून (भाषा)

Chardham Helicopter Service: उत्तराखंड में रविवार को केदारनाथ के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे के बाद चारधामों के लिए हेली सेवा को दो दिन यानी सोमवार तक के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया। यहां मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ हादसे की उच्चस्तरीय जांच कराने के अलावा हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय के लिए ‘कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर' की स्थापित करने के भी निर्देश दिए।

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श्रद्धालुओं को केदारनाथ से लेकर गुप्तकाशी ले जा रहा निजी कंपनी का एक हेलीकॉप्टर आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे उसमें सवार पांच श्रद्धालुओं समेत सभी सात लोगों की मौत हो गयी थी। मरने वालों में राजस्थान के जयपुर निवासी पायलट राजवीर सिंह चौहान के अलावा बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का एक प्रतिनिधि भी शामिल है। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमवार तक चार धाम के लिए हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘चार धाम में सेवा दे रहे सभी हेली ऑपरेटर एवं पायलटों के उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच होगी एवं सभी हेली ऑपरेटर के साथ बैठक के बाद ही हेली सेवा को शुरू किया जाएगा।''

बैठक में डिजिटल माध्यम से प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, नागर विमानन के सचिव समीर कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के सचिव विनोद कुमार सुमन, उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) की सीईओ सोनिका, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, डीजीसीए के महानिदेशक फैज अहमद किदवई, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के अधिकारी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए देहरादून में एक ‘कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर' की स्थापना की जाएगी जिसमें नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), आपदा विभाग, नागर विमानन, यूसीएडीए, हेली ऑपरेटर कंपनियों के अधिकारियों की तैनाती होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित किए जाने के भी निर्देश दिए जिसमें डीजीसीए, यूसीएडीए, नागर विमानन विभाग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे। धामी ने कहा कि यह समिति जनसुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मानक प्रचालन (एसओपी) नियमावली का प्रारूप बनाएगी और सितंबर से पूर्व अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

इससे पहले, मुख्यमंत्री प्रदेश में हेली सेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिए सख्त प्रशासनिक एवं तकनीकी एसओपी तैयार करने के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में हेलीकॉप्टर हादसे के संबध में उच्चस्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, दोषियों का पता लगाकर कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। आमजन के जीवन की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और किसी भी कीमत में जिंदगियों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।''

उन्होंने कहा कि उच्च हिमालय क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर उड़ाने का दीर्घकालीन अनुभव रखने वाले पायलटों को ही प्रदेश में हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीजीसीए द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देश का सख्ती से शत प्रतिशत अनुपालन किया जाए। मुख्यमंत्री ने हिमालय क्षेत्रों में अधिक संख्या में मौसम पूर्वानुमान के अत्यधुनिक उपकरण लगाने के भी निर्देश दिए जिससे मौसम की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके।

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