Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

पुष्कर मेले में चंडीगढ़ के गैरी गिल का 'शाहबाज' बना आकर्षण का केंद्र

पशु मेले में 23 करोड़ का भैंसा, 15 करोड़ रुपये का घोड़ा

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
पुष्कर मेले के दौरान आकर्षण का केंद्र बना एक घोड़ा। -प्रेट्र
Advertisement
राजस्थान के पुष्कर में आयोजित किए जा रहे वार्षिक पशु मेले में चंडीगढ़ के गैरी गिल की घुड़साल के ढाई साल के घोड़े ‘शाहबाज' को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इस मेले में 15 करोड़ रुपये का घोड़ा और 23 करोड़ रुपये का भैंसा लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। पुष्कर का यह मेला भारत के प्रमुख पशु मेलों में से एक माना जाता है जहां पशुपालक न केवल उत्कृष्ट नस्लों के पशु लेकर पहुंचते हैं, बल्कि इनमें से कई पशुओं की कीमत भी रिकॉर्ड तोड़ होती है।

राजस्थान पर्यटन विभाग के अनुसार, आधिकारिक रूप से पुष्कर मेला 30 अक्तूबर से पांच नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। चंडीगढ़ के गिल ने बताया, ‘शाहबाज कई शो जीत चुका है और यह एक प्रतिष्ठित वंश से है। इसकी ‘कवरिंग फीस' दो लाख रुपये है और हम इसके 15 करोड़ रुपये मांग रहे हैं।' ‘कवरिंग फीस' किसी मादा पशु से प्रजनन के लिए नर पशु के मालिक को दी जाने वाली राशि होती है। उन्होंने बताया कि मारवाड़ी नस्ल के इस घोड़े के लिए उन्हें पहले ही नौ करोड़ रुपये तक के प्रस्ताव मिल चुके हैं। इस बार पशु मेले का एक और बड़ा आकर्षण 1500 किलोग्राम वजनी भैंसा ‘अनमोल' है, जिसकी कीमत 23 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसके मालिक पलमिंद्र गिल ने कहा कि उन्होंने ‘अनमोल' को ‘राजाओं की तरह पाला है।' उन्होंने कहा, ‘उसे हर दिन दूध, देसी घी और सूखे मेवे खिलाए जाते हैं।' इस सूची में उज्जैन का भैंसा ‘राणा' भी शामिल है, जिसकी कीमत 25 लाख रुपये बताई जा रही है और इसका वजन लगभग 600 किलोग्राम है। कहा जाता है कि यह भैंसा हर दिन करीब 1,500 रुपये की खुराक खाता है, जिसमें बेसन, अंडे, तेल, दूध, घी और लीवर टॉनिक शामिल हैं। मेले में मौजूद एक अनुभवी मारवाड़ी घोड़े ‘बादल' के मालिक का दावा है कि वह अब तक 285 प्रजनन करा चुका है और घोड़े की 11 करोड़ रुपये तक की बोली लग चुकी है।

Advertisement

मेले में छोटी गायें।

16 इंच की गाय भी देख रहे लोग

वहीं बगरू (जयपुर) के अभिनव तिवारी इस मेले में विभिन्न नस्लों की 15 से अधिक गायें लेकर आए हैं, जिनमें से एक गाय का कद मात्र 16 इंच है। इसे मेले की सबसे छोटी गायों में से एक माना जा रहा है। इन दिनों मेला स्थल पर्यटकों और व्यापारियों से गुलजार है। एक अधिकारी ने बताया कि यहां पशुधन व्यापार, सर्वश्रेष्ठ दुग्ध उत्पादक, सर्वश्रेष्ठ अश्व नस्ल, और सर्वश्रेष्ठ साज-सज्जा वाला ऊंट जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।

Advertisement

Advertisement
×