Chandigarh Police : "बॉस का फोन आया... और खाते से उड़ गए हजारों! चंडीगढ़ पुलिस ने गिरोह को दबोचा
विवेक शर्मा/चंडीगढ़, 5 मार्च
Chandigarh Police : सोचिए, अगर आपके ऑफिस के बॉस या किसी बड़े अधिकारी का फोन आए और वह आपसे तुरंत पैसे ट्रांसफर करने को कहे, तो क्या आप मना कर पाएंगे? यही जाल बिछाकर ठगों ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया, लेकिन इस बार चंडीगढ़ पुलिस ने इस गिरोह की चालाकी पर ब्रेक लगा दिया।
सेक्टर-22 के निवासी अमित शर्मा को भी ऐसा ही एक फोन आया। कॉलर ने खुद को उनकी कंपनी का डायरेक्टर बताया और 50,000 रुपये तुरंत एक खाते में ट्रांसफर करने को कहा। अमित ने झट से पेमेंट कर दिया, लेकिन बाद में पता चला कि वह ठगी का शिकार हो चुके थे!
चंडीगढ़ पुलिस ने दबोचा ठग गिरोह
घटना की सूचना मिलते ही साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम जांच में जुट गई। पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण और बैंक खातों की ट्रैकिंग से गिरोह के चार सदस्यों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
डीएसपी ए. वेंकटेश ने बताया –
"यह गिरोह कई राज्यों में इसी तरह लोगों को ठग चुका था। ये लोग संस्थानों की वेबसाइट से अधिकारियों की जानकारी जुटाकर फर्जी नंबर से कॉल करते थे और लोगों को झांसे में लेकर पैसे ट्रांसफर करवाते थे।"
कैसे हो रही थी ठगी?
ठग संस्था के वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी वेबसाइट से जुटाते थे।
फर्जी कॉल, ईमेल और व्हाट्सएप मैसेज के जरिए संपर्क करते थे।
आधिकारिक भाषा और दबाव बनाकर तुरंत पैसे ट्रांसफर करवाते थे।
कैसे बचें?
- पहचान की पुष्टि करें – किसी भी संदिग्ध कॉल/ईमेल की पहले पुष्टि करें।
- गोपनीय जानकारी साझा न करें – OTP, बैंक डिटेल्स या पासवर्ड किसी से न साझा करें।
- जल्दबाजी न करें – कोई भी पेमेंट करने से पहले क्रॉस-चेक करें।
- शिकायत करें – साइबर ठगी का शिकार होने पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
अगर आपको भी ऐसा कोई फोन आए, तो सतर्क रहें – कहीं अगला शिकार आप न बन जाएं!