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Chandigarh News : डॉ. नैन बने फार्मेसी कॉलेजेस फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, हरियाणा के प्रधान का पद भी संभालेंगे

पूर्ण मूर्ति कैम्पस के चेयरमैन हैं नैन, हरियाणा के प्रधान का पद भी संभालेंगे
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चंडीगढ़, 30 जून (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Chandigarh News :सोनीपत के कामी रोड स्थित पूर्ण मूर्ति कैंपस के चेयरमैन डॉ. विजयपाल नैन को फार्मेसी कॉलेजेस फेडरेशन ऑफ इंडिया का अध्यक्ष बनाया गया है। सर्वसम्मति से उनकी नियुक्ति हुई है। साथ ही, उन्होंने हरियाणा इकाई के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी अतिरिक्त तौर पर सौंपी है।

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फार्मेसी कॉलेजों की एक विशेष ऑनलाइन मीटिंग में सर्वसम्मति से उन्हें यह दोहरी जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया। अपनी नियुक्ति के बाद डॉ. विजयपाल जैन ने कहा कि वे पूरी निष्ठा, ईमानदारी पूर्वक व समर्पण भाव से इस जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे। साथ ही, फार्मेसी सेक्टर में करिअर के बेहतर अवसर के बारे में छात्रों को जागरूक करने की दिशा में विशेष कदम उठाएंगे।

पूर्ण मूर्ति कैंपस के सचिव गौतम नैन, कोषाध्यक्ष भोपाल सिंह, एमडी भाटिया, एमडी इंजीनियर संघदीप शाक्य, डायरेक्टर (एकेडेमिक्स) डॉ. स्वीटी, डायरेक्टर (ट्रेनिंग) नवदीप मेहता, कैंपस डायरेक्टर कुलदीप, रजिस्ट्रार कंवलजीत सिंह संधू, डीन (अकादमिक) संदीप कुमार, लॉ कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. टीसी राणा, फार्मेसी कॉलेज की डायरेक्टर डॉ. सुनीता, एविएशन डायरेक्टर राघवेंद्र सिंह ने उन्हें बधाई दी है।

नैन ने कहा कि देश व समाज में लोग अभी भी फार्मेसी सेक्टर के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं हैं। ऐसे में अभिभावकों को भी इस क्षेत्र की विशेषताओं व उनके बच्चों के लिए उपलब्ध बेहतर करिअर के अवसर के बारे में जानकारी देना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि दसवीं कक्षा के बाद 11वीं में साइंस स्ट्रीम लेने वाले अधिकतर छात्र-छात्राएं 12वीं पास करने के बाद डाक्टर या इंजीनियरिंग ही बनना चाहते हैं। अगर वे इस रेस में पीछे रह जाते हैं तो उनके लिए फार्मेसी सेक्टर बेहतर विकल्प है।

छात्र-छात्राएं डी. फार्मा (डिप्लोमा इन फार्मेसी) और बी.फार्मा (बैचलर ऑफ फार्मेसी) जैसे कोर्स में दाखिला लेकर अपना भविष्य संवार सकते हैं। उन्होंने कहा कि फार्मेसी की फील्ड काफी बड़ी है। विद्यार्थी इस फील्ड को चुनकर अच्छी दवा कंपनियों और निजी व सरकारी अस्पतालों में अच्छी नौकरी पा सकते हैं। इतना ही नहीं, वे अपना बिजनेस भी खड़ा कर सकते हैं। रिसर्च में भी काफी अवसर हैं। वहीं एम.फार्मा करने वाले कैंडिडेट टीचिंग के क्षेत्र में भी जा सकते हैं।

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