Chandigarh News : भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में भी हो चुका बड़ा फर्जीवाड़ा, नियम-7ए का हो रहा उल्लंघन, गोपनीय रिपोर्ट में हुआ खुलासा
चंडीगढ़, 7 जून (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)
Chandigarh News : शहरी क्षेत्रों में जमीनों की रजिस्ट्री में नियम-7ए के का उल्लंघन अभी भी रुका नहीं है। ग्राउंड से आई गोपनीय रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने लिखित आदेश जारी करके सभी जिला उपायुक्तों को कहा है कि शहरी क्षेत्रों में डीटीपी की एनओसी के बिना जमीनों की रजिस्ट्री नहीं होगी।
उपायुक्तों को इसकी मॉनिटरिंग करने के आदेश भी दिए हैं। पूर्व में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के दौरान भी नियम-7ए के उल्लंघन के हजारों मामले सामने आए थे। इस मामले की जांच भी पूर्व की सरकार में हुई थी। उस समय बड़ी संख्या में तहसीलदार, नायब-तहसीलदार सहित अन्य रेवन्यू अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए गए थे। लेकिन बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया। अब फिर से जिलों से आई रिपोर्ट में नियम-7ए के उल्लंघन के आरोप लगे हैं।
इस रिपोर्ट के बाद ही एफसीआर ने प्रॉपर्टी डीड के रजिस्ट्रेशन से संबंधित नियमों को सख्त करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में डिप्टी रजिस्ट्रार और ज्वाइंट डिप्टी-रजिस्ट्रार रेगुलर हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम-1975 की धारा-7ए के मुख्य नियमों का ही उल्लंघन कर रहे हैं। अब सरकार ने शहरी क्षेत्रों में जमीन की बिक्री, पट्टा या गिफ्ट डीड रजिस्ट्रेशन से पहले संबंधित जिला नगर योजनाकार (डीजीपी) से अनिवार्य अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना अनिवार्य कर दिया है।
सभी जिलों के डीसी को सख्त निर्देश जारी कर प्रॉपर्टी डीड के रजिस्ट्रेशन से संबंधित नियमों के सख्त क्रियान्वयन पर जोर दिया है। मिश्रा ने कहा कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य है। डॉ. सुमिता मिश्रा ने उपायुक्तों को जारी किए पत्र में कहा है कि प्रदेश सरकार ऐसी तरह से नियमों की उल्लंघना को लेकर गंभीर है। उन्होंने चेतावनी दी कि अधिनियम की धारा 7-ए का पालन करने में किसी भी तरह की कोताही करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों/अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।