चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण निजी सदस्य विधेयक पेश किया, जिसके माध्यम से चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव सीधे करवाने और उनका कार्यकाल एक वर्ष के बजाय पांच वर्ष करने का प्रस्ताव रखा गया है।
उन्होंने कहा कि विधेयक का मूल विचार चंडीगढ़ नगर निगम में स्थिरता लाना है। वर्तमान व्यवस्था में हर 12 महीने बाद नेतृत्व बदल जाता है। इससे नीतिगत निरंतरता टूटती है, दीर्घकालिक योजनाओं का क्रियान्वयन बाधित होता है, प्रशासनिक और राजनीतिक टकराव बढ़ते हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार और दबाव-राजनीति में वृद्धि की आशंका रहती है। विधेयक के अनुसार पांच वर्ष का कार्यकाल दिल्ली नगर निगम, कई राज्य नगर निगमों और अंतर्राष्ट्रीय शहरी स्थानीय निकायों की प्रथाओं के अनुरूप होगा। विधेयक पेश करते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि चंडीगढ़ एक यूनियन टेरिटरी होने के अलावा एक आधुनिक और तेजी से विकसित होता शहरी केंद्र है, जहां बड़े बुनियादी ढांचे, जल-निकासी, ट्रैफिक, प्रदूषण नियंत्रण और शहरी प्रबंधन से जुड़ी योजनाएं 5-10 वर्षों की अवधि में लागू होती हैं।

